सिंधिया की राह पर पायलट: एमपी की तरह गिर सकती है राजस्थान सरकार
सिंधिया और पायलट दोनों ही अच्छे दोस्त हैं। जब सिंधिया ने पार्टी छोड़ी तो एमपी की कमलनाथ सरकार गिर गयी और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, वहीं अब पायलट की सरकार के प्रति नाराजगी से राजस्थान सरकार भी खतरे में हैं।
जयपुर: मध्य प्रदेश कांग्रेस की रह पर अब राजस्थान कांग्रेस भी राजनीतिक संकट से घिर गया है। कुछ महीनों पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली थी। इस दौरान उनके साथ 22 कांग्रेस विधायकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, वहीं अब सचिन पायलट के भी सीएम गहलोत सरकार के प्रति बगावती तेवर दिखने लगे हैं।
सचिन पायलट- सिंधिया की दोस्ती कांग्रेस को दे सकती है झटका
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने समर्थक 14-15 विधायकों के साथ दिल्ली में है, यहां वे सोनिया गांधी से मुलाक़ात कर अपनी परेशानी बताने के लिए पहुंचे हैं। कहा जा रहा है कि राजस्थान के कई कांग्रेस विधायक सरकार से नाखुश हैं। राजस्थान की राजनीति के जो हाल इन दिनों देखने को मिल रहे हैं, ऐसा ही कुछ नजारा कुछ महीनों पहले एमपी में देखने को मिला था।
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सिंधिया और सचिन पायलट की यारी
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट की अच्छी खासी दोस्ती है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान को ये यारी परेशानी में दाल सकती है। राजस्थान में पहले ही गहलोत सरकार को गिराने की साजिशों का आरोप भाजपा पर आरोप लग रहा है। ऐसे में सचिन पायलट की नाराजगी को सिंधिया से जोड़ कर देखा जा सकता है।
सिंधिया की बगावत से गिर गयी थी कमलनाथ सरकार
गौरतलब है कि बीते साल जब मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट दोनों ही मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे। हालाँकि दोनों राज्यों में सीएम की कुर्सी मिली कमलनाथ और अशोक गहलोत को। सिंधिया और पायलट दोनों ही अच्छे दोस्त हैं। जब सिंधिया ने पार्टी छोड़ी तो एमपी की कमलनाथ सरकार गिर गयी और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, वहीं अब पायलट की सरकार के प्रति नाराजगी से राजस्थान सरकार भी खतरे में हैं।
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सचिन पायलट की नाराजगी की वजह:
सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट सीएम अशोक गहलोत से काफी नाराज है। कहा जा रहा है कि सरकार में पायलट के साथ नाइंसाफी की जा रही है। सचिन पायलट के करीबी मंत्री का आरोप है कि राजस्थान में सचिन पायलट का अपमान किया जा रहा है जो अच्छी बात नहीं है।
पायलट ने दिल्ली आलाकमान से की शिकायत
बता दें कि करीब 10 दिन पहले सचिन पायलट ने दिल्ली आलाकमान से शिकायत की थी कि पूरे राज्य की बात तो दूर की है, उनके अपने क्षेत्र में कोई भी अधिकारी पायलट की बात नहीं सुनता। पायलट सरकार की कार्यशैली से नाराज है। सूत्रों के मुताबिक कई कांग्रेसी विधायक सरकार से नाराज चल रहे हैं। वे पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर अपनी बात रखना चाहते हैं।
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सीएम गहलोत ने लगाए पायलट पर आरोप, कहा-भाजपा के संपर्क में
वहीं सीएम अशोक गहलोत ने भी दिल्ली आलाकमान को फोन पर जानकारी दी कि सचिन पायलट भाजपा के सम्पर्क में हैं। सीएम गहलोत के आरोपों के बाद अब अगर सचिन पायलट आश्वासन देते है कि उन्हें कांग्रेस लीडरशीप पर पूरा भरोसा है तो दिल्ली आलाकमान अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच बैठकर समझौता करवाएगा।
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