कोरोना काल में गई नौकरी-धंधा हुआ चौपट, शुरू किया नया काम, कर रहे खूब कमाई

कोरोना महामारी ने कई लोगों की जिंदगी को बदलकर रख दिया। कोरोना काल में हजारों लोगों की नौकरियां चली गईं, तो वहीं कई लोगों का व्यापार ठप हो गया। इसके बाद कई लोगों ने अपना नया काम शुरू किया और कामयाबी हासिल की।

Update: 2020-12-30 17:19 GMT
कोरोना वायरस ने दुनियाभर में तबाही मचा कर रख दी। इस जानलेवा महामारी ने लोगों की जिंदगी बदल दी। कोरोना काल में कई लोगों ने नौकरियां गंवा दीं।

लखनऊ: कोरोना वायरस ने दुनियाभर में तबाही मचा कर रख दी। इस जानलेवा महामारी ने लोगों की जिंदगी बदल दी। कोरोना काल में कई लोगों ने नौकरियां गंवा दीं। लोगों को मजबूरी में वह काम करना पड़ा जो लोगों ने कभी नहीं किया, क्योंकि जीवन चलाने के लिए काम की जरूरत थी। कई लोगों को कोराना काल में अपना व्यापार भी बदलना पड़ा। हम आपको कुछ ऐसे ही लोगों के बारे में बताएंगे जिन्होंने कोरोना काल में अपना नया काम शुरू किया और कामयाब भी हुए। यह दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा हैं।

नौकरी छोड़ शुरू किया अपना बिजनेस

गाजियाबाद निवासी सत्यम श्रीवास्तव एक होटल में असिस्टेंट मैनेजर(सेल्स) के पद पर नौकरी कर रहे थे। कोरोना काल में होटल इंडस्ट्री को काफी नुकसान हुआ। इसको देखकर उन्होंने अपनी कंपनी बनाने का विचार किया, लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां थीं। सत्यम ने देखा कि लॉकडाउन में जरूरी चीजों की बिक्री अधिक हो रही थी, उनके मन में इनमें से ही एक उद्योग को लगाने का विचार आया। असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर उनको 40 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी मिलती थी। उन्होंने नौकरी छोड़कर अपना बिजनेस शुरू करने के लिए जानकारी हासिल की। इसके बाद उन्होंने एक दूध और उसके प्रोडक्ट की फैक्ट्री लगाई। अब वह खूब कमाई कर रहे हैं और इसके साथ ही कई लोगों को रोजागर भी दिया है।

खोली मास्क बनाने की फैक्ट्री

व्यापारी प्रवीन जैन ने कोरोना काल में अपना व्यवसाय बदलकर मास्क का कारोबार शुरू किया। पहले वह चाय की पत्ती का व्यवसाय करते थे। प्रवीण जैन चाय की पत्ती खरीद कर उसकी पैकेजिंग करते थे और फिर बाजार में बेचते थे। लेकिन कोरोना काल में उनका धंधा कम चलने लगा। इसके बाद उन्होंने कुछ नया करने के बारे में सोचा। उन्होंने मास्क बनाने की एक युनिट स्थापित की। इसके बाद उन्होंने अपनी फैक्ट्री में चार कारीगरों के साथ काम शुरू किया। अब इस फैक्ट्री में करीब 20 कर्मचारी काम करते हैं। तीन हजार से चार हजार मास्क प्रतिदिन बनता है। अब दिल्ली समेत आस-पास के कई शहरों में मास्क की सप्लाई करते हैं।

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स्कूटी पर खोला ढाबा

नई दिल्ली के रहने वाले बलबीर पहले ड्राइवर का काम करते थे और वह होटल में गाड़ी चलाते थे। कोरोना काल में उनको नौकरी से निकाल दिया गया। कुछ दिनों में उन्होंने मुसीबतों का सामना किया। इसके बाद उन्होंने अपनी स्कूट पर ही ढाबा खोल दिया। वह इसी स्कूटी से नौकरी पर जाते थे। वह गुड़गांव में एक रोड पर खाना बेचने लगे। पहले वह सिर्फ 20 लोगों का खाना बनाकर ले जाते थे, लेकिन जल्द ही उनकी बिक्री बढ़ गई। इसके बाद उन्होंने अपने दोस्त को भी नौकरी पर रख लिया। अब नौकरी से ज्यादा कमाई करते हैं और खुश हैं।

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नौकरी गई तो करने लगे खेती

लाॅकडाउन में कई लोगों ने अपनी नौकरियां गवां दी। इन्हीं में से एक हैं उत्तराखंड के टिहरी के रहने वाले प्रकाश बडोनी। प्रकाश गुड़गांव में नौकरी करते थे, लेकिन कोरोना काल में उनकी नौकरी चली गई। अब उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया। इसके बाद प्रकाश ने 15 साल से बंजर पड़ी अपनी जमीन खेती शुरू की। उन्होंने शिमला मिर्च, टमाटर, करेला, पालक, गोभी ,खीरा, कद्दू ,भिंडी और लौकी जैसी फसलों की खेती की और उन्होंने खूब मुनाफा कमाया। प्रकाश के भाई ने भी उनके काम में हाथ बटाया। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी उनकी तारीफ की है। सीएम ने डीएम टिहरी को निर्देश कि जो भी सहयोग हो सकता है, उसे प्रकाश बडोनी को दिया जाए।

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शुरू की मशरूम की खेती

कोरोना काल में किसान परिवारों पर भी संकट आया। उन्होंने पारंपरिक खेती से अलग हटकर कुछ और चीज खेती करने लगे हैं। लॉकडाउन में एक किसान के बेटे नौकरी की चली गई। इसके बाद यूट्यूब पर वीडियो देखकर उसने मशरूम की खेती करने के बारे में सोचा। उसको देखर आगरा के इरादतनगर क्षेत्र के चार और किसानों ने मशरूम की खेती शुरू की और अब मुनाफा कमा रहे हैं। केशव शर्मा और उनके दोस्तों की नौकरी चली गई। उन लोगों को कोरोना काल में कोई और काम भी नहीं मिल रहा था। इसके बाद सभी ने मिलकर मशरूम की खेती की। अब चारों बाजार में अच्छे दाम पर मशरूम बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। वह दूसरे किसानों के लिए प्ररेणा हैं।

रिपोर्ट: धर्मेंद्र कुमार सिंह

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