विवादों में खूब रहे धोनी: बैन का किया सामना, इन खिलाड़ियों संग हुई टकरार

Update:2020-08-15 21:59 IST

नई दिल्ली। ‘कैप्टन कूल’ महेंद्र सिंह धोनी सफलतम कप्तान, बढ़िया खिलाड़ी सब कुछ रहे हैं लेकिन उनका विवादों से भी खूब नाता रहा है। शांतचित स्वभाव वाले धोनी काफी बार विवादों में भी रहे हैं जिनसे उनके करियर में दाग भी लग चुके हैं।

गौतम गंभीर से तकरार

2012 में ऑस्ट्रेलिया में हुई सीबी ट्राई सीरीज में धोनी ने रोटेशन पॉलिसी अपनाई थी, जिसके तहत टीम इंडिया तीन टॉप ऑर्डर बल्लेबाज गौतम गंभीर, वीरेंदर सहवाग और सचिन तेंदुलकर को पूरी सीरीज के दौरान रोटेट किया गया। इसके बाद गौतम गंभीर का एक बयान आया जिसे धोनी पर निशाने के रूप में देखा गया। दरअसल, गौतम गंभीर ने कहा था कि 2012 में ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय सीरीज के दौरान धोनी ने कहा था वह हम तीनों (सचिन, सहवाग और गंभीर) को एक साथ नहीं खिला सकते क्योंकि वह 2015 वर्ल्ड कप के बारे में सोच रहे हैं।

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गंभीर ने कहा कि उनके लिए यह बहुत सदमे वाली बात थी। मुझे लगता है कि यह किसी भी क्रिकेटर के लिए सदमे जैसी बात होगी। मैंने कभी नहीं सुना कि किसी से 2012 में कहा जाए कि तुम 2015 वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा नहीं होगे। मैं हमेशा से यही सोचता आया था कि अगर आप रन बनाते रहें तो उम्र सिर्फ एक नंबर होती है।

ग्लव्स पर लोगो का मसला

2019 के विश्व कप में धोनी ने सेना के बलिदान बैज को अपने विकेटकीपिंग ग्लव्स पर लगाकर एक अनोखे विवाद को जन्म दे दिया। हुआ ये कि धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में अपने विकेट कीपिंग ग्लव्स पर पैरामिलिट्री फोर्स का लोगो लगाया था। इस पर आईसीसी ने आपत्ति की कि पहले से अनुमति के बगैर कोई लोगो नहीं लगाया जा सकता है।

विवाद इतना बढ़ा कि आईसीसी और बीसीसीआई आमने सामने आ गए। बाद में आईसीसी के नियमों के तहत धोनी को इस बैज का मैदान पर इस्तेमाल करने से मना कर दिया गया। धोनी भी अगले मैच में अपने ग्लव्स से बैज का निशान हटाकर मैदान पर उतरे।

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स्पॉट फिक्सिंग मामला

महेंद्र सिंह धोनी ने वर्ष 2013 के स्पॉट फिक्सिंग मामले में छह साल बाद यानी 2019 में चुप्पी तोड़ी। इतने अंतराल तक चुप्पी साधे रहने पर सवालिया निशान लगाये गए। इस मामले की वजह से धोनी की टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को दो साल के बैन का भी सामना करना पड़ा था। धोनी ने 2019 में एक वेब सीरीज में इस प्रकरण में चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि मैच फिक्सिंग निजी तौर पर सबसे बड़ा अपराध है। उनके लिए तो मैच फिक्सिंग तो हत्या से भी बड़ा अपराध है। वे मैच फिक्सिंग में कभी शामिल नहीं हो सकते हैं क्योंकि वे आज जो कुछ भी हैं इस खेल की बदौलत ही हैं।

जब कप्तान बना सीमेंट कंपनी में अधिकारी

बीसीसीआई पर लंबे समय तक राज करने वाले श्रीनिवासन के साथ धोनी के बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। श्रीनिवासन के कार्यकाल के दौरान धोनी उनकी कंपनी इंडिया सीमेंट्स में अधिकारी बन गए जबकि उस समय धोनी श्रीनिवासन की ही फ्रैंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान भी थे। इसको लेकर भी बहुत उंगलियाँ उठीं थीं।

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युवराज के पिता ने लगाए थे आरोप

स्टार आलराउंडर युवराज सिंह के पिता योगराज ने एक बार फिर महेंद्र सिंह धोनी के बारे में कहा था कि धोनी जैसे लोग हमेशा नहीं रहेंगे, गंदगी हमेशा नहीं रहती। युवराज सिंह का कहना है कि एक बार धोनी ने उनके साथ ऐसा व्यवहार किया था कि उनका थप्पड़ मारने का मन हो गया था।

युवराज सिंह के मुताबिक, महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह के बीच मैदान पर भी तू-तू मैं-मैं हो चुकी है। योगराज का कहना है कि धोनी युवराज से चिढ़ता था इसीलिए उसके करियर के पीछे पड़ा। दरअसल योगराज सिंह ने जिस मैच का जिक्र किया था उस वक्त धोनी टीम के कप्तान और युवराज उपकप्तान थे। उन्होंने धोनी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि महान खिलाड़ी होना एक अलग बात है और अच्छा इंसान होना अलग बात है। उन्होंने अम्बाती रायडू के टीम बाहर होने के पीछे भी धोनी का हाथ बताया था।

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रिति स्पोर्ट्स विवाद

2013 के आईपीएल में महेंद्र सिंह धोनी पर यह आरोप लगा कि वह मैच फिक्सिंग में शामिल थे। इसके बाद यह पता चला था कि धोनी की एक कंपनी में 15 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसका नाम रिति स्पोर्ट्स है। इसमे सुरेश रैना और रवींद्र जडेजा भी शामिल थे। यह कहा गया कि धोनी ने इन दोनों का पक्ष लिया क्योंकि दोनों जितने अधिक मैच खेलते, उतने ज्यादा पैसा इस कंपनी में लगाते। माना गया की धोनी समेत रैना और जडेजा ने बीसीसीआई के मानदंडों का उल्लंघन किया है, लेकिन पूरा मामला गायब हो गया और धोनी टीम के कप्तान बने रहे।

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