नई शिक्षा नीतिः यूपी बोर्ड के सिलेबस में कटौती, क्यों कम किया गया

बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर लगभग 130 पेज का संसोधित सिलेबस अपलोड किया गया है। इसमें कई बदलाव देखने को मिले हैं।

Update: 2020-08-01 07:42 GMT

नील मणि लाल

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सिलेबस में 30 प्रतिशित की कटौती करने की घोषणा के तहत 12वीं और 10वीं के सिलेबस से कई अध्याय हटा दिए हैं। बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर लगभग 130 पेज का संसोधित सिलेबस अपलोड किया गया है। इसमें कई बदलाव देखने को मिले हैं।

क्यों कम किया गया सिलेबस?

महामारी के कारण देश के सभी स्कूल मध्य मार्च से बंद हैं और ये दोबार कब खुलेंगे, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। देश में निरंतर मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए स्कूल खोलने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। ऐसे में बोर्ड के सामने समय पर बच्चों का सिलेबस पूरा कराने की चिंता थी, जिसको देखते हुए इसे 30 फीसदी कम किया गया है।

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12वीं का सिलेबस

12वीं कक्षा के हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ अन्य विषयों के सिलेबस में कटौती हुई है।शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए सिलेबस को संशोधित कर 12वीं के हिंदी सिलेबस में से व्यंगकार हरिशंकर परसाई के निंदा रस को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इतना ही नहीं हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी, इतिहास, समाजशास्त्र और नागरिक शास्त्र के सिलेबस में भी कटौती की गई है।अंग्रेजी से मर्चेंट ऑफ वेनिस और नागरिक शास्त्र से स्वतंत्र भारत की राजनीति में एक दल के प्रभुत्व का दौर और कांग्रेस कार्य प्रणाली की चुनौतियों को हटा दिया गया है।

समाजशास्त्र और इतिहास

इसके अलावा समाजशास्त्र में भूमंडलीकरण के आयाम से जनसंपर्क माध्यम और संचार को भी हटाया गया है। वहीं इतिहास में से भौतिक स्रोतों के आधार पर विभाजन में 1040 का इतिहास और राष्ट्रीयता, संप्रदायवाद और विभाजन को बाहर कर दिया गया है।

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10वीं का सिलेबस

12वीं के साथ-साथ 10वीं के गणित, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और हिंदी से कई अध्यायों को भी सिलेबस में से हटा दिया गया है।

गणित के सिलेबस से हुपद यानी पॉलिनॉमियल, वृत्त, प्रायिकता के साथ-साथ त्रिकोणमिति के सर्वसमिका में से महत्वपूर्ण भाग को भी हटा दिया गया है।वहीं सामाजिक विज्ञान से भारत के प्रमुख राष्ट्रीय दल और क्षेत्रीय दलों को सभी सिलेबस से बाहर कर दिया गया है।

विज्ञान और हिंदी

इसके साथ ही विज्ञान में से धातु, अधातु के गुणधर्म, आवर्त सारणी में तत्वों के वर्गीकरण के आरंभिक प्रयास, प्राकृतिक संसाधन, हमारा पर्यावरण, विद्युत प्रभाव, विद्युत चुंबकीय प्रभाव को भी हटा दिया गया है।

इनके अलावा हिंदी के सिलेबस में से सुमित्रानंदन पंत के चंद्रलोक में प्रथमवार, महादेवी वर्मा के वर्षा सुंदरी के प्रति, माखनलाल चतुर्वेदी के जवानी सहित समास में कर्मधारय और बहुब्रीहि को भी बाहर कर उसमें संशोधन किया गया है।

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