हम भी कनपुरिये हैं! राजू भैया गुस्सा न करेओ, अपनी तो आदतै होति है ऊँगली करने की
पेट साफ़ रहना जरूरी है और रहना भी चाहिए । हमारे मशहूर कॉमेडियन राजू भैया का भी एक विज्ञापन आता है जिसमें वो एक पेट साफ़ करने वाला चूरन का विज्ञापन करते हुए नजर आते हैं जिसको लेकर नितेंद्र वर्मा जी ने भी बड़े ही हास्यास्पद ढंग से राजू भैया से आपत्ति उठाते हुए कुछ सवाल किये हैं।
नितेन्द्र वर्मा
Nitendra Verma
लखनऊ: आजकल टेलीविजन पर कोई प्रोग्राम देखो तो बीच-बीच में विज्ञापन आना स्वाभाविक है नहीं तो अगर विज्ञापन नहीं आयेंगे तो हमारे टीवी चैनल्स जिन्दा कैसे रहेंगे आखिर "पापी पेट का सवाल" जो है। पेट साफ़ रहना जरूरी है और रहना भी चाहिए । हमारे मशहूर कॉमेडियन राजू भैया का भी एक विज्ञापन आता है जिसमें वो एक पेट साफ़ करने वाला चूरन का विज्ञापन करते हुए नजर आते हैं जिसको लेकर नितेंद्र वर्मा जी ने भी बड़े ही हास्यास्पद ढंग से राजू भैया से आपत्ति उठाते हुए कुछ सवाल किये हैं।
"सफलता जो है बहुतै त्याग, समर्पण, लगन औ मेनहात माँगति है । अब अपने राजू भैया का ल्यो । कंपू से बम्बई जाये के झंडे गाड़ दिए । कहूँ ई शो मा तो कहीं वा शो मा मल्लब एकदम छाये गये हमाये राजू भैया ।"
"सफलता अपने साथ बहुत समस्या भी लावत है । देख लेओ खुदै । सफलता का झूला तो झूल रहे हैं लेकिन कब्ज, गैस औ एसिडिटी की समस्या पाल लिए । अब आज की तारीख मा खुद चूरन खाये रहे हैं औ दूसरों को भी खिलाएं रहे हैं ।"
"लेकिन ई जो सफा चूरन है ओहका तो आयुर्वेदिक औषधि बताए रहे हैं । आयुर्वेदिक है मल्लब इंडियन है । राजू भैया हमार एक आपत्ति दर्ज करौ । जब सब कुछ देसी है तो या जो सीट सफा के ठीक ऊपर रखी है वा विदेसी काहे है??? एहका भी देसी ही होना चाहिए ।"
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दूसरी आपत्ति अउर है । या विज्ञापन मा खुलेआम अंग प्रदर्शन, अश्लीलता है जिसका हम घोर विरोध करते हैं । ये जो अमानुष अपने दाँत और आँख चिरिया चिरिया के सबका डराये रहा है ये सार्वजनिक रूप से पतलून उतार के नँगा काहे बईठा है । इसके शौचालय में दरवाजा काहे नहीं है । हमाये मोदी जी शौचालय बनवाये बनवाये के परेशान हुई गये औ ये खुले में शौच कर रहा है । सारा पईसा विदेसी सीट में लगा देगा तो यही होगा । न दर न दीवार न तो दरवाजा...खुलेआम अश्लीलता फइला रहा है ये । जो बईठा है सो तो बईठा है लेकिन एक्सप्रेसन भी गंदे गंदे दे रहा है । बस एकै काम ढंग का किये है कि ऊपर टीशर्ट पहिने है वरना तो...राजू भैया कागज़ कलम न रखौ ।
चूरन 'पहली रात से असर दिखाता है'
तीसरी आपत्ति दर्ज करौ । विज्ञापन कहि रहा है कि चूरन 'पहली रात से असर दिखाता है' । मल्लब गैस का ही चूरन है या डॉक्टर हाशमी की दवा??? द्विअर्थी बातें लिखी हैं एहिमा । ये सरासर नाकाबिले बर्दाश्त हैं । पहली रात से असर दिखाता है!!! मल्लब कहना का चाहते हो भाई । रात में चूरन फाकेंगे तब दिन में असर दिखायेगा ना । पहली रात???
राजू भैया इत्ता सब होने के बाद भी तुम तीन ऊँगली दिखाये के दाँत निपोरे जाये रहे हो । अरे आपको तो टोकैक चहित रहै । देखौ कईसे आपके ठीक सामने पैंट उतारे बईठा है । तुम टोक तो रहे नहीं उल्टा हँसि रहे हो । लेकिन एक बात हमहूँ तुमको बताए दें कि ये चूरन केवल गैसै से छुटकारा दिलाये पा रहा है बाकी कब्ज से केवल राहत औ एसिडिटी से बस आरामै दई पा रहा है ।
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एक तो चूरन कब्ज का है और ऊपर से सब कुछ पीला हुआ पड़ा है
चलते चलते एक आपत्ति औ दर्ज करौ । एक तो चूरन कब्ज का है और ऊपर से सब कुछ पीला हुआ पड़ा है । मल्लब बहुतै अजीब सी फीलिंग आती है । चूरन का डिब्बा तो चलौ फिर भी ठीक है, विज्ञापन का बैकग्रोउंडौ समझ में आवत है लेकिन राजू भैया अपन सूट का रंग तो बदलवाये लेते!!!
चलौ अब अईसा है कि सफलता आपका मिली तो कब्ज की समस्या हुई गई । हम अभी सीख रहे हैं । सफलता कोसों दूर है तो कब्ज की समस्या दूर दूर तक है नहीं । जब होगी तब सोचेंगे कि सफा का का करना है । तब तक हमरी आपत्तियन पर गौर फरमाइयेगा ।
^राजू भैया गुस्सा न करेओ । का है कि हम भी कनपुरिये हैं । अपनी तो आदतै होति है ऊँगली करने की🙏🙏
*यह एक व्यंग्य लेख है । इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति, वस्तु, संस्था या स्थान विशेष की छवि खराब करना नहीं है । न ही इसका कोई राजनीतिक मन्तव्य है ।
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