जाने, क्या है आर्थिक आपातकाल: भारत में हुआ लागू, तो ऐसे बन जाएंगे हालात

कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर हालात न सुधरे तो अनुच्छेद 360 के तहत देश में आर्थिक आपातकाल लागू हो सकता है। बता दें कि ऐसा हुआ तो यह भारत के इतिहास में पहली बार होगा।

Update: 2020-03-24 14:07 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने आज देश को दूसरी बार सम्बोधित किया। इस दौरान उन्होंने कोरोना मरीजों और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 15 हजार करोड़ रुपए देने की एलान किया। वहीं अब कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर हालात न सुधरे तो अनुच्छेद 360 के तहत देश में आर्थिक आपातकाल लागू हो सकता है। बता दें कि ऐसा हुआ तो यह भारत के इतिहास में पहली बार होगा।

क्या है आर्थिक आपातकाल:

आर्थिक आपातकाल या इकोनॉमिकल एमरजेंसी देश के दिवालिया होने की स्थिति में लागू किया जाता है। यह राष्ट्रीय आपातकाल और राष्ट्रपति शासन से अलग होता है।

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इसकी घोषणा राष्ट्रपति करते हैं, आर्थिक आपातकाल अनुच्छेद 360 के तहत ऐसी स्थिति में किया जाता है, जब देश में ऐसा आर्थिक संकट बन जाए, जिसमे वित्तीय स्थायित्व की साख को खतरा हो।

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ऐसे में जब आर्थिक स्थिति बदतर होने पर या फिर सरकार दिवालिया होने के कगार पर आ जाती है, या फिर भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त होने की कगार पर आ जाती है, तब इस आर्थिक आपातकाल को अनुच्छेद का इस्तेमाल किया जा सकता है।

आर्थिक आपातकाल लागू होने से देश पर क्या प्रभाव:

आर्थिक आपातकाल लागू होने पर देश के सभी नागरिकों के पैसों और संपत्ति पर देश का अधिकार हो जाएगा। हालाँकि अब तक इस तरह के हालत कभी बने नहीं लेकिन इस बारे में भारतीय संविधान में जिक्र किया गया है।

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हालाँकि भारत में आर्थिक आपातकाल घोषित किये जाने की बात को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही ही नकार चुकी हैं।

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