लखनऊ: चीन से पनपा कोरोना वायरस भारत में दस्तक दे चुका है। मिली जानकारी के मुताबिक, भारत में 28 लोग कोरोना से संक्रमित हैं, वहीं कई लोगों ने इस वायरस की जांच कराने को लेकर आवेदन किया है। ऐसे में ये जान लेना जरुरी है कि कोरोना के किसी मरीज की कौन-कौन सी जांचे होती हैं। जांच परिणाम आने के बाद क्या होता है और तब तक मरीज की देख रेख के लिए क्या किया जाता है।
कोरोना वायरस की जांच के लिए दुनियाभर में कई लैब बनाई जा रहें हैं। जहां मरीज का सैंपल जांच के लिए भेजा जाता है। जांच के बाद आई रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है। अब ये जान लीजिये कि कोरोना के लिए कौन कौन सी जांचें होती हैं...
कैसे जानें कि आपको हैं कोरोना की जांच की जरूरत:
सबसे पहले ये जानना जरुरी है कि किसे कोरोना की जांच की जरूरत है और किसे नहीं। दरअसल, आपको ये महसूस हो रहा है कि आप को कोरोना हो सकता है तो आप जांच के लिए जायेंगे लेकिन ये आपको कैसे महसूस होगा, ये जानना चाहिए।
ये भी पढ़ें: सेक्स से होता है कोरोना! जानें इस बात में कितनी है सच्चाई
किसी भी व्यक्ति में अगर फ्लू के लक्षण नजर आ रहे हैं, जैसे सर्दी-जुकाम, नाक बहना या तेज बुखार आदि तो एक बार सामान्य फिजिशियन से मिल लें। लक्षणों के आधार पर वह आपको जांच कराने या न कराने की सलाह देगें। वहीं अगर आप ऐसे लोगों के संपर्क में आये हैं, जो कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से हैं तो भी जांच जरुर करा लें।
कोरोना के लिए होते हैं ये टेस्ट:
डॉक्टर को लगता है कि आप कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं तो आपको सबसे पास की लैब में भेजा जा सकता है, जहां आपके बलगम, थूक और खून का सैंपल लिया जा सके। टेस्ट सैंपल लेने के भी कई तरीके हैं।
पहला Swab test-इसमें जांचकर्ता आपकी नाक या गले में एक फाहा या ब्रश डालकर सैंपल लेता है।
ये भी पढ़ें: कोरोना का खौ़फ: गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट समेत कई कंपनियों ने रद्द किए इवेंट
दूसरा Nasal aspirate- जिसमें नाक में सलाइन सॉल्यूशन डाला जाता है और फिर सक्शन मैथड से सैंपल लिया जाता है।
तीसरा Tracheal aspirate- जिसमें के पतली ट्यूब (ब्रॉन्कोस्कोप) को धीरे-धीरे मुंह के जरिए लंग्स तक पहुंचाते हैं और सैंपल लेते हैं।
चौथा Sputum test- इस के तहत एक खास बर्तन में खखारने को कहा जाएगा और इसे सैंपल बतौर इस्तेमाल करेंगे।
इसके अलावा ब्लड टेस्ट भी होता है, जिसमें हाथ की नस से खून लिया जाता है।
सबसे विश्वनीय रिजल्ट देते हैं ये सैंपल:
मानना गया है कि गले या लंग्स से लिए सैंपल सबसे विश्वसनीय रिजल्ट देते हैं। इसके लिए दुनियाभर में कुछ खास लैब्स बनाए गए हैं। भारत में कोरोना सैंपल की जांच के लिए सरकार ने 15 लैब्स बनवाई हैं।
ये भी पढ़ें: कोरोना के इस झूठ से न हों परेशान, स्वास्थ्य मंत्री ने बताई हकीकत
सैंपल पॉजिटिव या निगेटिव पाए जाने के बाद होता है क्या:
अगर सैंपल पॉजिटिव होता है तो अस्पताल पूरा इलाज करेगा। मरीज को अन्य लोगों से अलग रखा जाएगा। ये तब तक होगा जब तक इलाज पूरा होने के बाद आने वाली जांच रिपोर्ट निगेटिव न आ जाएँ।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।