ऐक्शन में योगी सरकार, अब नहीं बचेंगे एक भी अपराधी, शुरू हुई ये बड़ी तैयारी
यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेष की कमान संभालते ही कह दिया था कि उन्हें इस प्रदेश को अपराधमुक्त प्रदेश बनाना है। मुख्यमंत्री बनते ही...
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेष की कमान संभालते ही कह दिया था कि उन्हें इस प्रदेश को अपराधमुक्त प्रदेश बनाना है। मुख्यमंत्री बनते ही अपने अधिकारियों को बता दिया था कि अपराध के मामले में किसी भी प्रकार का सरकार समझौता नहीं करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कडे रूख का ही नतीजा है कि इन दिनों अपराधियों की जगह या तो जेल में है अथवा उन्होंने उत्तर प्रदेश ही छोड दिया है।
राज्य सरकार ने अपराधियों की सूची नये सिरे से तैयार की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार एडीजी जोन की भी जिम्मेदारी इन अपराधियों की मॉनीटरिंग में तय कर दी है।
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उत्तर प्रदेश के कानपुर में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस की टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग में आठ पुलिस वाले शहीद होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों को कठोर सजा देने की बात कही। योगी के इस रूख से पुलिस का उत्साह बढा वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार ने जब मारे गए पुलिसकर्मियों को एक एक करोड़ का मुआवजा देने का ऐलान किया तो इस आर्थिक राशि से उनके परिजनों तथा पुलिस को संतोष हुआ।
यूपी पुलिस की कुशलता और तेजी का नतीजा
कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतारने वलो विकास दुबे गैंग का पुलिस ने जिस तत्परता से सफाया किया। वह यूपी पुलिस की कुशलता और तेजी का ही नतीजा था। कानपुर पुलिस ने केवल आठ दिन में ही विकास दुबे समेत 6 बदमाशों का सफाया कर दिया।
यही नहीं कानपुर में संजीत यादव के अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार करने में उसने सफलता प्राप्त की। इसके अलावा गोण्डा में बच्चे के अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर उस बच्चे को भी सकुषल मुक्त करा लिया। यूपी पुलिस ने जुलाई महीने में जिस तरह ताबडतोड कार्रवाई की वह अपने आप में बेमिसाल रहे।
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पुलिस को अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की खुली छूट
योगी सरकार ने जहां पुलिस को अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की खुली छूट दी। वहीं काम में हीलाहवाली करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की। कानपुर में अपहरण के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले क्षेत्रीय पुलिस कर्मियों समेत एसएसपी को भी हटा दिया। इसके बाद योगी सरकार ने 15 भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अफसरों का तबादला कर दिया। इनमें बिकरू एनकाउंटर और अपहरण कांड के बाद कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पर भी गाज गिरी।
कानपुर के बिकरू कांड के बाद लैब टेक्नीशियन के अपरहण व हत्या तथा गाजियाबाद में पत्रकार की हत्या के मामलों से सीएम योगी आदित्यनाथ की नाराजगी का असर कानपुर के एएसपी व सीओ सहित 11 पुलिसकर्मी के निलम्बन के रूप में हुआ।
जेलों में बंद कई कुख्यात पहले से ही पुलिस के रडार पर
यही कारण है कि पुलिस प्रशासन अब हर जिले के जेल में बंद 10 अपराधियों को सूचीबद्ध करने के साथ ही उनकी गतिविधियों पर कड़ी निगाह रख रहा है। जेलों में बंद कई कुख्यात पहले से ही पुलिस के रडार पर रहे हैं। अब इनकी गतिविधियों पर और बारीकी से नजर रखे जाने को कहा गया है। थाना स्तर से लेकर जिले के टॉप 10 अपराधियों की सूची तैयार की जा रही है। करीब 1500 थानों में 10 अपराधियों की सूची और हर जिले के टॉप 10 अपराधियों की सूची नए सिरे से अपडेट की जायेगी।
अपराधी को छोडा नहीं जाएगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिये आपरेशन क्लीन चलने के साफ संकेत है कि किसी भी अपराधी को छोडा नही जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफिया और आपराधिक गिरोह पर टूट पड़ो की नीति के तहत कठोरतम कार्रवाई के करने को कहा है। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि अपराध में भारी कमी आई है। आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा सरकार के कार्यकाल में साल-दर साल अपराध घटे हैं।
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वर्ष 2016 में प्रदेश में 4679 हत्याएं हुईं, जबकि योगी सरकार में यह घटकर 3294 रह गई हैं। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने दावा किया है कि साल 2017 के सापेक्ष 2019 के अपराधों में डकैती में 53.7 प्रतिशत, लूट में 44.5 प्रतिशत, बलवा में 38.1 प्रतिशत, हत्या में 14.5 प्रतिशत व बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में 33.06 प्रतिशत की कमी आई है। सपा सरकार के कार्यकाल में एक वर्ष में (2016) हत्या, डकैती, लूट, बलात्कार और दहेज मृत्यु के 14,980 मामले दर्ज हुए थे।
नई भर्तियां पुलिस विभाग में की गई
इसके विपरीत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में पहली जनवरी से लेकर 15 नवंबर 2019 तक 10,064 मामले दर्ज हुए थे। इस तरह सपा सरकार की तुलना में भाजपा सरकार में करीब 5000 मामले कम हुए हैं। प्रवक्ता ने दावा किया कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में 43 नए थानों, 18 नई चैकियों, 69 नए अग्निशमन केंद्रों व लगभग 80,349 नई भर्तियां पुलिस विभाग में की गई हैं।
प्रवक्ता ने दावा किया कि वर्ष 2016 में 4679, वर्ष 2017 में 4324, वर्ष 2018 में 4018 और पहली जनवरी 2019 से लेकर 15 नवंबर 2019 तक प्रदेश में 3294 हत्याएं हुईं। इसी तरह डकैती की घटनाओं में भी कमी आई है। वर्ष 2016 में 263, वर्ष 2017 में 251 व वर्ष 2018 में 144 डकैती के मामले आए। पिछलेे तीन साल के दौरान राज्य में एनकाउंटर की करीब तीन हजार घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें अब तक 119 लोगों की जान जा चुकी है।
...कोई भी एकाउंटर फर्जी नहीं हुआ
वहीं दूसरी तरफ पुलिस की लगातार हो रही एनकाउन्टर की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट भी हस्तक्षेप कर चुका है और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग राज्य सरकार को तीन बार नोटिस दे चुका है लेकिन राज्य सरकार ने साफतौर पर बता दिया कि कोई भी एकाउंटर फर्जी नहीं हुआ है। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार जब से बनी है तब से अपराध के मामले में सरकार जीरो टालरेंस की नीति अपना रही है। यह अलग बात है कि इन सबके बावजूद हर तरह के अपराध लगातार हो रहे हैं। दूसरी तरफ विपक्ष योगी सरकार को अपराध के मामले में लगातार घेरता रहता है।
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विपक्ष ने कई बार बनाया निशाना
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आए दिन टिवट कर सरकार की कमियों को उजागार करती रहती है। कांग्रेस महासचिव ने उत्तर प्रदेश में हत्या के बढ़ते मामलों को लेकर जवाबदेही की मांग की। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दावा करते हैं कि उत्तर प्रदेश अपराध मुक्त हो गया है लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश में करीब 50 हत्याएं हुई हैं।
वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रदेश की योगी सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर खूब निशाना साधते हैं। सपा मुखिया का कहना है कि यूपी में सत्ता और अपराधी का गठजोड़ विभत्स दौर में है।
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