घरेलू क्रिकेट में सचिन-विराट का तोड़ा रिकॉर्ड, लेकिन मयंक पर BCCI क्यों नहीं दे रही ध्यान

कर्नाटक के विस्फोटक बल्लेबाज मयंक अग्रवाल का सेलेक्शन बीसीसीआई ने निदाहस ट्रॉफी के लिए नहीं किया।इस बात से मयंक के अलावा वो क्रिकेटर्स भी हैरान हैं,जिन्हें उम्मीद थी कि बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टीम इंडिया में जगह मिलेगी।

Update: 2018-02-27 11:20 GMT
घरेलू क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: मयंक अग्रवाल को कैसे मिलेगी टीम इंडिया में जगह ?

मनाली रस्तोगी

लखनऊ: कर्नाटक के विस्फोटक बल्लेबाज मयंक अग्रवाल का सेलेक्शन बीसीसीआई ने निदाहस ट्रॉफी के लिए नहीं किया। इस बात से मयंक के अलावा वो क्रिकेटर्स भी हैरान हैं,जिन्हें उम्मीद थी कि बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टीम इंडिया में जगह मिलेगी। मयंक के अच्छे रिकार्ड्स होने के बाद भी ये चौंकाने वाली बात है कि उनका चयन राष्ट्रीय टीम के लिए नहीं हुआ। यही नहीं, मयंक का रिकॉर्ड आईपीएल में भी काफी उम्दा है। आईपीएल में मयंक के नाम एक सेंचुरी भी है।

मयंक अग्रवाल अब किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ घरेलू मैचों में इतने बेहतरीन रिकार्ड्स कायम कर लिए हैं कि अब कप्तान विराट कोहली के साथ-साथ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी उनसे पीछे छूट गए हैं। मयंक के रिकार्ड्स इतने अच्छे हैं कि उन्होंने भारतीय घरेलू क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसा कारनामा कर दिया है, जोकि अभी तक कोई भी बल्लेबाज नहीं कर पाया है।

दरअसल, मयंक ने भारतीय घरेलू क्रिकेट के इस सीजन में 2000 रन पूरे कर लिए हैं। ऐसा करने वाले वो पहले बल्लेबाज हैं। मयंक का क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में उम्दा प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। रणजी ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट और विजय हजारे ट्रॉफी, इन तीनों में मयंक का स्ट्राइक रेट 100 से 145 के बीच है।

घरेलू क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन: मयंक अग्रवाल को कैसे मिलेगी टीम इंडिया में जगह ?

मयंक ने रणजी ट्रॉफी 1160 रन 105.45 से बनाए हैं। वहीं, सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट और विजय हजारे ट्रॉफी की बात करें तो सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में 145 के स्ट्राइक रेट से 258 रन और विजय हजारे ट्रॉफी में 723 रन 100.00 के औसत से बनाए हैं। ये रिकार्ड्स मयंक ने इसी सीजन में बनाए हैं।

बोर्ड के इस फैसले से फैंस काफी निराश हैं। इस मामले में आकाश चोपड़ा ने भी एक ट्वीट किया है और लिखा है कि, ‘टीम सेलेक्शन सिर्फ जस्टिस की बात नहीं है बल्कि वो एक बैलेंस की बात है। उन खिलाड़ियों को स्लॉट के लिए चुनना जो उसके लिए बेस्ट हैं। मयंक अग्रवाल के लिए बुरा लग रहा है।’ निदाहस ट्रॉफी ट्राई सीरीज है। इस सीरीज में भारत श्रीलंका और बांग्लादेश के खिलाफ खेलेगा। मगर मयंक का चयन न होना वाकई एक सवाल खड़ा करता है कि भारतीय घरेलू क्रिकेट में शानदार परफॉर्म करने के बावजूद टीम में जगह क्यों नहीं मिली।



फैंस ने भी यही सवाल बोर्ड से किया कि बेहतरीन प्रदर्शन होने के बाद भी मयंक को टीम इंडिया में जगह क्यों नहीं मिली। इसपर बोर्ड का तर्क ये था कि चाहे कोई भी खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में कितना भी शानदार प्रदर्शन क्यों न कर रहा हो लेकिन उसका सेलेक्शन राष्ट्रीय टीम में तभी होगा जब वो भारत 'ए' के लिए खेल चुका होगा क्योंकि बोर्ड एक पैटर्न के अनुसार चल रहा है।

इस पैटर्न के अनुसार, चाहे खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करने वाला हो या न हो, उसको राष्ट्रीय टीम में जगह तब ही दी जाएगी, जब वो भारत ए की तरफ से खेल चुका हो।

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