भारतीय खिलाड़ियों के लिए पूर्णकालिक विदेशी कोच की सेवा नहीं लेगा एसआरएफआई

लगभग एक साल से विदेशी कोच की खोज करने में नाकाम रहे भारतीय स्क्वाश रैकेट्स महासंघ (एसआरएफआई) ने पूर्णकालिक कोच की नियुक्ति करने के खिलाफ फैसला किया है और ‘प्रतियोगिता आधारित’ कोचिंग के तहत दुनिया के पूर्व नंबर एक डेविड पाल्मर जैसे कोचों की सेवा लेगा।

Update: 2019-04-02 12:12 GMT

नयी दिल्ली: लगभग एक साल से विदेशी कोच की खोज करने में नाकाम रहे भारतीय स्क्वाश रैकेट्स महासंघ (एसआरएफआई) ने पूर्णकालिक कोच की नियुक्ति करने के खिलाफ फैसला किया है और ‘प्रतियोगिता आधारित’ कोचिंग के तहत दुनिया के पूर्व नंबर एक डेविड पाल्मर जैसे कोचों की सेवा लेगा।

मिस्र के अचरफ करारगुई के अप्रैल में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों से पूर्व विवादास्पद हालात में टीम से अलग होने के बाद से खिलाड़ी पूर्णकालिक विदेशी कोच के बिना ट्रेनिंग कर रहे हैं।

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जोशना चिनप्पा, सौरव घोषाल और दीपिका पल्लीकल जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी वाली टीम हालांकि इसके बावजूद दो रजत पदक जीतने में सफल रही थी। अगस्त-सितंबर में हुए एशियाई खेलों में भी भारतीय टीम पांच पदक जीतने में सफल रही जिसमें महिला टीम स्पर्धा का रजत पदक भी शामिल है।

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संक्षिप्त समय के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं लेने का फैसला किया हैं

राष्ट्रीय कोच साइरस पोंचा ने मंगलवार को पीटीआई से कहा, ‘‘पूर्णकालिक कोचों की नियुक्ति करने की जगह हमने संक्षिप्त समय के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं लेने का फैसला किया हैं उदाहरण के लिए दिसंबर में वाशिंगटन में होने वाली पुरुष विश्व चैंपियनशिप से पहले खिलाड़ियों को एक महीने के लिए डेविड पाल्मर के साथ ट्रेनिंग का मौका मिलेगा।’’

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पोंचा ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि कोचों की प्रतियोगिता के आधार पर नियुक्ति हमारे खिलाड़ियों के लिए अधिक फायदेमंद होगी। हमने अगले महीने एशियाई चैंपियनशिप से पूर्व शिविर के लिए प्रतिष्ठित कोच आमिर वाघिह से संपर्क किया है।’’

(भाषा)

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