Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट से तमिलनाडु सरकार को झटका, RSS के मार्च के खिलाफ याचिका खारिज
Supreme Court: तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के द्वारा मार्च की अनुमति देने वाले मद्रास उच्च न्यायायल के आदेश के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की अपील खारिज कर दी है।
Supreme Court: तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में आरएसएस रूट मार्च की इजाजत दे दी है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के द्वारा मार्च की अनुमति देने वाले मद्रास उच्च न्यायायल के आदेश के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की अपील खारिज कर दी है। जस्टिस वी रामासब्रम्हाण्यम और पंकज मित्तल की बेंच ने ये फैसला सुनाया है।
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क्या है पूरा मामला?
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने बीते साल दो अक्तूबर को तमिलनाडु में 51 जगहों पर रूट मार्च रैली निकालने का एलान किया था। इस पर राज्य की डीएमके सरकार ने रोक लगा दी थी। डीएमके सरकार ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने की आशंका के चलते आरएसएस की रैली को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ आरएसएस ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने 6 जगहों को छोड़कर अन्य जगहों पर रूट मार्च रैली निकाले की अनुमति दे दी थी। कोर्ट ने मंजूरी देने के साथ ही कुछ प्रतिबंध भी लगाए थे। जिसके तहत आरएसएस कार्यकर्ताओं को बिना लाठी डंडे या हथियारों के मार्च निकालने और किसी भी ऐसे मुद्दे पर बोलने से मना किया गया था, जिससे देश की अखंडता पर असर पड़े। हालांकि कोर्ट के फैसले से नाखुश आरएसएस ने छह नवंबर को होने वाले रूट मार्च कार्यक्रम को स्थगित कर दिया था।