BJP Focus Telangana: भाजपा की निगाहें तेलंगाना पर, अमित शाह की सक्रियता से TRS में बढ़ी बेचैनी

BJP Focus Telangana: गृह मंत्री अमित शाह तेलंगाना में भाजपा की चुनावी मशीनरी को सक्रिय बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं और इस सिलसिले में वे एक बार फिर जल्द तेलंगाना के दौरे पर पहुंच रहे हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-05-14 13:18 IST

भाजपा (photo: social media )

BJP Focus Telangana: दक्षिण भारत में कर्नाटक के बाद भाजपा(BJP in Karnataka) की निगाहें अब तेलंगाना पर लगी हुई हैं। दक्षिण भारत में अभी तक सिर्फ कर्नाटक की सत्ता पर ही भाजपा काबिज है मगर अब पार्टी ने तेलंगाना में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव(Telangana assembly elections) के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। 2019 में राज्य की चार लोकसभा सीटें जीतने के बाद पार्टी राज्य में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश में लगी हुई है जिससे राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस में खासी बेचैनी दिख रही है। 

गृह मंत्री अमित शाह(Amit Shah Telangana Visit) तेलंगाना में भाजपा की चुनावी मशीनरी को सक्रिय बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं और इस सिलसिले में वे एक बार फिर जल्द तेलंगाना के दौरे पर पहुंच रहे हैं। शाह के दौरे से पूर्व राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे के टी रामा राव ने भाजपा पर राज्य के साथ किए गए वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने शाह से 27 सवाल भी पूछे हैं और कहा है कि शाह को तेलंगाना दौरे के समय इन सवालों का जवाब देना चाहिए।

भाजपा को दिख रही हैं संभावनाएं 

दक्षिण के कई राज्यों में भाजपा तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक पांव जमाने में कामयाब नहीं हो पाई है मगर कर्नाटक के बाद तेलंगाना में पार्टी को काफी संभावनाएं दिख रही हैं। पिछले पांच वर्षों के दौरान भाजपा ने तेलंगाना में पांव जमाने के लिए खूब प्रयास किया है। 2019 में 4 लोकसभा सीटें जीतने के बाद पार्टी लगातार राज्य में विभिन्न मुद्दों को लेकर काफी सक्रिय रही है।

इसका नतीजा भी दिखा है और पार्टी को स्थानीय निकाय और विधानसभा उपचुनाव में भी कामयाबी हासिल हुई है। तेलंगाना में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है और ऐसे में पार्टी लगातार सत्तारूढ़ टीआरएस की घेराबंदी करने में जुटी हुई है। इसी सिलसिले में गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर तेलंगाना के दौरे पर पहुंच रहे हैं।

सीएम के बेटे ने भाजपा से पूछे सवाल 

भाजपा की बढ़ती सक्रियता से सत्तारूढ़ टीआरएस के खेमे में खासी बेचैनी दिख रही है। टीआरएस को इस बात का एहसास हो चुका है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उसे भाजपा से कड़ी चुनौती मिलेगी और यही कारण है कि पार्टी ने विभिन्न मुद्दों को लेकर अब भाजपा को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह के तेलंगाना दौरे से पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर के बेटे और टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव गृहमंत्री से 27 सवाल पूछे हैं। 

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की ओर से तेलंगाना के विकास के लिए तमाम वादे किए गए थे मगर एक भी वादे को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि गुजरात और अन्य भाजपा शासित राज्यों को केंद्र की ओर से भरपूर मदद मिली मगर तेलंगाना की हमेशा अनदेखी की गई।

शाह को सवालों का जवाब देने की चुनौती 

टीआरएस के नेता ने शाह को चुनौती दी कि यदि अब वे वास्तव में तेलंगाना के विकास के प्रति ईमानदार और प्रतिबद्ध हैं तो उन्हें राज्य के अपने दौरे के समय इन सवालों का जवाब देना चाहिए। उन्हें यह बताना चाहिए कि केंद्र सरकार की ओर से तेलंगाना के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने तेलंगाना के लोगों की अधिकारों की लड़ाई लड़ी है और आगे भी यह लड़ाई जारी रहेगी। 

उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के जरिए हम अपना उचित हिस्सा लेने के लिए लड़ते रहेंगे। रामा राव ने तेलंगाना में केंद्रीय शिक्षण संस्थान और मेडिकल कॉलेजों की अनुपलब्धता का मुद्दा भी उठाया है और केंद्र सरकार से अपेक्षा की है कि इस मुद्दे को समझाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने पिछले आठ वर्षों के दौरान तेलंगाना को केंद्र से मिले पैसे को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं।

 के टी रामा राव की ओर से खड़े किए गए सवालों पर अभी तक अमित शाह या भाजपा के किसी अन्य नेता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है। ऐसा माना जा रहा है कि तेलंगाना दौरे के समय शाह इन सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।

चुनावी तैयारियों में जुटी है भाजपा 

तेलंगाना में सियासी मजबूती हासिल करने के लिए भाजपा की ओर से प्रजा संग्राम यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यात्रा के दूसरे चरण के समापन के मौके पर शाह एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस यात्रा के जरिए राज्य के अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने की कोशिश की जा रही है। भाजपा की चुनावी तैयारियों के कारण ही टीआरएस में बेचैनी दिख रही है और दिन प्रतिदिन दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति तेज हो गई है।


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