KCR Blow To Congress: केसीआर भी देंगे कांग्रेस को झटका, क्षेत्रीय दलों के दम पर भाजपा को चुनौती देने का फार्मूला
KCR Blow To Congress:
KCR blow to Congress देश में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस के मुखिया के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने भी सियासी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। हाल में पटना का दौरा करके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करने वाले केसीआर ने रविवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के साथ विपक्षी एकता गहराई से मंथन किया।
हालांकि इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने अपनी भविष्य की सियासी योजनाओं को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं मगर टीआरएस सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं ने कांग्रेस के बिना विपक्षी दलों की एकजुटता पर चर्चा की है। हाल में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी क्षेत्रीय दलों की एकजुटता के दम पर 2024 में भाजपा को चुनौती देने की बात कही थी। उन्होंने भी विपक्षी एकता के मंच में कांग्रेस को नहीं जोड़ा था। अब केसीआर और कुमारस्वामी भी क्षेत्रीय दलों की एकजुटता की वकालत करते नजर आ रहे हैं।
भविष्य की रणनीति पर कुमारस्वामी से चर्चा
दक्षिण भारत में भाजपा की बढ़ती चुनौतियों के मद्देनजर क्षेत्रीय दल सतर्क हो गए हैं। तेलंगाना में भाजपा ने केसीआर और टीआरएस के खिलाफ जबर्दस्त मुहिम छेड़ रखी है। भाजपा के केंद्रीय नेता लगातार राज्य का दौरा करने में जुटे हुए हैं। अब केसीआर ने भी भाजपा को जवाब देने के लिए कमर कस ली है।
इसी सिलसिले में उन्होंने रविवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के साथ लंच पर मुलाकात की। हैदराबाद में हुई दोनों नेताओं की मुलाकात करीब तीन घंटे तक चली। जानकार सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं ने विपक्षी दलों की भविष्य की रणनीति पर चर्चा की है।
कांग्रेस के बिना मोर्चा बनाने की रणनीति
जानकार सूत्रों का कहना है कि कुमारस्वामी का मानना था कि विपक्षी एकता में केसीआर की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय दलों की एकजुटता पर जोर दिया। टीआरएस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं के बीच कांग्रेस के बिना क्षेत्रीय दलों का मोर्चा बनाने की रणनीति पर चर्चा हुई है। टीआरएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना था कि देश के लोग गैर कांग्रेसी विकल्प की राह देख रहे हैं। भाजपा को करारा जवाब देने के लिए अब क्षेत्रीय दलों को एक मंच पर एकजुट होना होगा।
भाजपा के खिलाफ कसी कमर
केसीआर इन दिनों राष्ट्रीय राजनीति में उतरने की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय पार्टी लांच करने की घोषणा कर दी है। टीआरएस का कहना है कि बुद्धिजीवियों,अर्थशास्त्रियों और अन्य प्रमुख लोगों से चर्चा के बाद इस दिशा में कदम उठाने का फैसला किया गया है। तेलंगाना में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस चुनाव में भाजपा की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी केसीआर ने कमर कस ली है।
भाजपा के खिलाफ मोर्चा बनाने की कोशिशों के तहत केसीआर हाल के दिनों में काफी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा करके विपक्षी नेताओं के साथ मुलाकात की है। पिछले दिनों उन्होंने बेंगलुरु, दिल्ली, चंडीगढ़ और पटना का दौरा किया था। पटना में उन्होंने नीतीश कुमार के अलावा लालू यादव से भी विपक्षी एकता पर गहराई से चर्चा की थी। जानकारों का मानना है कि केसीआर कांग्रेस को बाहर रखते हुए विपक्षी दलों का मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
ममता को भी मंजूर नहीं कांग्रेस का साथ
केसीआर से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी भी कांग्रेस को झटका देने का संकेत दे चुकी हैं। पार्टी पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक के दौरान ममता ने अपनी भविष्य की सियासी योजनाओं का साफ संकेत दिया था। 2024 की सियासी जंग में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए उन्होंने क्षेत्रीय दलों के नेताओं की तो प्रमुखता से चर्चा की थी मगर कांग्रेस और वामदलों का नाम नहीं लिया था।
ममता के भाषण से साफ संकेत मिला था कि वे गैर कांग्रेसी विपक्षी मोर्चा बनाने के पक्ष में हैं और इस लड़ाई में उन्हें लेफ्ट का साथ भी मंजूर नहीं है। अब केसीआर भी उसी दिशा में बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पिछले पिछली दिल्ली यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी। विपक्षी दलों की एकता की इन कोशिशों में अभी विपक्ष के चेहरे का पेंच भी फंसा हुआ है और इस समस्या को सुलझाना आसान नहीं लग रहा है।