Rohit Vemula सुसाइड केस से दहल उठा था देश, उनकी मां जुड़ीं भारत जोड़ो यात्रा से, राहुल से मिल बोलीं- दिख रही एकजुटता

तेलंगाना के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या ने तब देश को झकझोर दिया था। इस मामले में मोदी सरकार के दो केंद्रीय मंत्रियों का नाम खूब उछला था। तब केंद्र सरकार बैकफुट पर आ गई थी।

Written By :  aman
Update: 2022-11-01 12:39 GMT

रोहित वेमुला की मां से मिलते राहुल गांधी (Social Media)

Rohit Vemula Mother Join Bharat Jodo Yatra : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) से लगातार लोगों का जुड़ना जारी है। राहुल की यात्रा मंगलवार (01 नवंबर 2022) को तेलंगाना पहुंची तो उन्हें दलित दिवंगत छात्र रोहित वेमुला की मां का साथ मिला। रोहित की मां भी राहुल के साथ उनके भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुई। दिवंगत छात्र की मां राधिका वेमुला ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा से दक्षिणी राज्यों में एकजुटता दिख रही है।

Bharat Jodo Yatra के दौरान राधिका पदयात्रा में हुईं। उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात की। साथ ही, संविधान को भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से बचाने का आह्वान किया। राधिका वेमुला ने कांग्रेस नेता से अपने बेटे के लिए इंसाफ मांगा। उन्होंने रोहित अधिनियम पारित करने तथा देश के हाई कोर्ट में दलितों और पीड़ित वर्गों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने सहित सभी के लिए शिक्षा पर चर्चा की।

क्या था रोहित वेमुला केस?

यह घटना 17 जनवरी 2016 की है जब तेलंगाना के 26 वर्षीय दलित छात्र रोहित चक्रवर्ती वेमुला ने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में फांसी लगाकर जान दे दी थी। रोहित की मौत के बाद देशभर के शिक्षण संस्थानों में जातिवाद के खिलाफ आंदोलन तेज हो गया था। रोहित वेमुला पीएचडी कर रहा था। उसकी आत्महत्या ने हैदराबाद ही नहीं बल्कि देश भर में दलितों की लड़ाई को हवा दे दी। आंदोलन तेज हो गए और केंद्र सरकार बैकफुट पर दिखी।

रोहित वेमुला (Rohit Vemula) कॉलेज के दलित छात्रों के लिए बनाई गई अम्बेडकर स्टूडेंट एसोसिएशन के नेता थे। खबरों की मानें तो अम्बेडकर स्टूडेंट एसोसिएशन के स्टूडेंट ने मुम्बई बम धमाकों के आरोपी याकूब मेमन की फांसी का विरोध का भी विरोध किया। देश के कई हिस्सों में धरना-प्रदर्शन का दौर शुरू हुआ। जिसके खिलाफ एबीवीपी ने विरोध किया था। इस कारण दोनों संगठनों में लगातार झगड़े भी हुए। हालांकि, किसी को कुछ खास नुकसान नहीं हुआ।

मामला ऐसे बढ़ा

दरअसल, एबीवीपी नेता सुशील कुमार का आरोप था कि अम्बेडकर स्टूडेंट एसोसिएशन के 5 छात्रों ने उनके साथ मारपीट की। यह मामला अदालत पहुंचा। जिसके बाद बाद हैदराबाद के स्थानीय सांसद और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप को कहा। तब स्मृति ईरानी ने यूनिवर्सिटी के चांसलर को 4 बार चिट्ठी लिखी। फलस्वरूप 5 छात्रों को 17 दिसंबर 2015 को निलंबित कर दिया गया। उन्हें हॉस्टल से बाहर कर दिया गया।

निलंबन से परेशान थे रोहित वेमुला

इन निलंबित छात्रों में रोहित वेमुला भी थे। पांचों छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस में धरने पर बैठ गए थे। मगर, 17 जनवरी 2016 के दिन अचानक रोहित वहां से उठकर चला गया। जब काफी देर तक वापस नहीं लौटा तो उसकी तलाश शुरू हुई। रोहित को ढूंढा गया तो वह अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी पर लटका मिला। रोहित के सुसाइड लेटर से ये साबित हो रहा था कि, वो इस निलंबन से काफी परेशान थे। इस आत्महत्या के बाद पूरे देश में दलित संगठन में गुस्सा और रोष देखने को मिला था। रोहित वेमुला स्वयं को दलित कहता था। वह अंबेडकर की विचारधारा का कट्टर समर्थक था। मगर, इस विरोध का कारण था दो केंद्रीय मंत्रियों का छात्रों के मामले में हस्तक्षेप। 

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