Telangana Election 2023: चार राज्यों के बाद अब तेलंगाना पर सबकी निगाहें, केसीआर को कांग्रेस से बड़ी चुनौती, मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटी है भाजपा
Telangana Election 2023: केसीआर इस बार भी तेलंगाना में अपने दुर्ग को बचाए रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस तेलंगाना में कर्नाटक जैसा चमत्कार करने की कोशिश में जुटी हुई है।
Telangana Election 2023: चार राज्यों का विधानसभा चुनाव निपटने के बाद अब सबकी निगाहें तेलंगाना पर लगी हुई हैं। राजनीतिक दलों के लिए अब तेलंगाना सबसे बड़ा सियासी अखाड़ा बन गया है। यही कारण है कि राजनीतिक दलों के नेताओं का कारवां अब दूसरे राज्यों से तेलंगाना की ओर बढ़ चला है। तेलंगाना विधानसभा की 119 सीटों के लिए 30 नवंबर को मतदान होने वाला है। आंध्र प्रदेश से काट कर नया राज्य बनने के बाद से ही तेलंगाना में के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) की अगुवाई वाली बीआरएस (पहले टीआरएस) का प्रभुत्व रहा है।
केसीआर इस बार भी तेलंगाना में अपने दुर्ग को बचाए रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस तेलंगाना में कर्नाटक जैसा चमत्कार करने की कोशिश में जुटी हुई है। भाजपा ने इस बार तेलंगाना में काफी जोर लगाया है और पार्टी मुकाबले को त्रिकोणात्मक बनाने की कोशिश में लगी हुई है। तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम फैक्टर की गूंज भी खूब सुनाई दे रही है। कांग्रेस और केसीआर के बीच मुस्लिम वोट हथियाने की होड़ दिख रही है जबकि भाजपा की ओर से मुस्लिम आरक्षण खत्म करने का वादा करके बड़ा हिंदू कार्ड चला गया है।
भाजपा और बीआरएस पर मिलीभगत का आरोप
तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में एक दिलचस्प बात यह भी है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की ओर से मुख्यमंत्री केसीआर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है। तेलंगाना की चुनावी सभाओं में कांग्रेस नेता राहुल गांधी केसीआर और उनके परिवार पर जमकर निशाना साध रहे हैं। उनका कहना है कि केसीआर के परिवार के पास सभी ऐसे विभाग हैं जिनके जरिए पैसा कमाया जा सके। उन्होंने कालेश्वरम सिंचाई परियोजना का जिक्र करते हुए एक लाख करोड़ रुपए की लूट करने का बड़ा आरोप भी लगाया। उनका कहना है कि चुनाव के बाद भाजपा और बीआरएस के बीच गठजोड़ हो जाएगा।
तेलंगाना की चुनावी रैलियों में राहुल गांधी ने कहा कि बीआरएस और भाजपा के बीच मौन सहमति है। बीआरएस पर चुटकी लेते हुए राहुल ने कहा कि केसीआर अपने दल के टायरों में हवा भरना चाहते हैं मगर उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि इस मामले में भाजपा उनकी मदद नहीं कर सकती क्योंकि कांग्रेस ने भाजपा के टायरों को पहले ही पंक्चर कर दिया है। अब कांग्रेस दिल्ली जाएगी और मोदी के चारों टायरों को भी पंक्चर कर देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केसीआर दोनों एक-दूसरे की सरकार बचाए रखना चाहते हैं।
भाजपा भी दोहरा रही कांग्रेस वाला जुमला
दूसरी ओर भाजपा भी बीआरएस और कांग्रेस के बीच भीतर ही मिलीभगत होने का आरोप लगा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को हैदराबाद में कहा कि मौजूदा चुनाव में कांग्रेस को वोट देना बेकार है क्योंकि यह पार्टी बाद में बीआरएस से मिल जाएगी। चुनाव के बाद कांग्रेस,बीआरएस और ओवैसी सब एक मंच पर इकट्ठा हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि केसीआर के राज में तेलंगाना में जमकर भ्रष्टाचार किया गया और भाजपा की सरकार बनने पर भ्रष्टाचार के इन मामलों की गहराई से जांच पड़ताल की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस बार तेलंगाना के मतदाताओं को सोच समझकर विकल्प का फैसला करना चाहिए। यदि राज्य के मतदाता गहराई से विश्लेषण करने के बाद मतदान करेंगे तो निश्चित रूप से उनकी पसंद भारतीय जनता पार्टी ही होगी। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के भविष्य के लिए मौजूदा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है और इस चुनाव में भाजपा को राज्य में काफी उम्मीदें हैं।
भाजपा बिगाड़ सकती है कांग्रेस का खेल
तेलंगाना में इस बार कांग्रेस और बीआरएस के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है मगर भाजपा ने भी पूरी ताकत झोंक रखी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता भी लगातार राज्य का चुनावी दौरा करके पार्टी की चुनावी स्थिति को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के अन्य नेता मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर भी हमलावर हैं। योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को तेलंगाना की चुनावी सभा में मुस्लिम आरक्षण को असंवैधानिक बताया।
सियासी जानकारों का मानना है कि राज्य में भाजपा की सियासी मजबूती कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। केसीआर विरोधी मतों के बंटवारे से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने राज्य की कई विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का खेल बिगाड़ा था और वही स्थितियां इस बार भी पैदा होती दिख रही हैं।