Telangana Politics: संक्रांति के बाद ताकत दिखाने में जुटे केसीआर, बड़ी रैली की तैयारी, अखिलेश और केजरीवाल को भी न्योता

Telangana Politics: केसीआर इस रैली में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी आमंत्रित किया गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-01-10 09:29 GMT

KCR , Akhilesh Yadav, Arvind Kejriwal (PHoto: social media )

Telangana Politics: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) राष्ट्रीय राजनीति में खुद को मजबूती से स्थापित करने की कोशिश में जुट गए हैं। केसीआर ने मकर संक्रांति के बाद 18 जनवरी को खम्मस में एक बड़ी रैली के जरिए अपनी ताकत दिखाने की रणनीति तैयार की है। इस रैली के जरिए केसीआर विपक्षी एकजुटता की मुहिम भी शुरू करने वाले हैं। इस रैली में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी आमंत्रित किया गया है। उल्लेखनीय बात यह है कि रैली में अभी तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को न्योता नहीं भेजा गया है।

केसीआर ने पिछले साल अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति रख दिया था। पार्टी का नाम बदले जाने के बाद केसीआर की ओर से पहली बार बड़ी रैली का आयोजन किया जा रहा है। केसीआर की इस रैली को राष्ट्रीय राजनीति में खुद को स्थापित करने की उनकी कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है।

रैली के जरिए ताकत दिखाएंगे केसीआर

भारत राष्ट्र समिति से जुड़े सूत्रों का कहना है कि खम्मस में होने वाली केसीआर की रैली की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस रैली के जरिए केसीआर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेंगे। केसीआर ने कुछ समय पूर्व घोषणा की थी कि मकर संक्रांति के बाद राष्ट्रीय राजनीति में बीआरएस को स्थापित करने की कोशिशें तेज की जाएगी। माना जा रहा है कि इसी सिलसिले में केसीआर की ओर से इस बड़ी रैली का आयोजन किया जा रहा है।

तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदले जाने के बाद यह पार्टी की ओर से आयोजित की जाने वाली पहली बड़ी रैली होगी। मुख्यमंत्री 18 जनवरी को खम्मस में एकीकरण जिला कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद से रैली में हिस्सा लेंगे। रैली की तैयारियों में केसीआर की पार्टी के कार्यकर्ता जोर-शोर से जुट गए हैं।

विपक्ष के कई बड़े नेताओं को भेजा न्योता

पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस रैली के जरिए समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों को एक मंच पर भी लाने की कोशिश की जाएगी। इसीलिए इस रैली में विपक्षी दलों के कई प्रमुख नेताओं को आमंत्रण भेजा गया है। इस रैली में आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि इनमें से कितने नेता रैली में हिस्सा लेने के लिए खम्मस पहुंचेंगे।

केसीआर ने पिछले साल भी विपक्षी एकजुटता की मुहिम छेड़ी थी और इस सिलसिले में उन्होंने विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मुलाकात भी की थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करने के लिए केसीआर पटना भी पहुंचे थे। हालांकि संक्रांति के बाद आयोजित होने वाली रैली में अभी तक नीतीश को बुलाए जाने की पुष्टि नहीं हुई है।

विपक्ष की एकजुटता में फंसा हुआ है पेंच

सियासी जानकारों का मानना है कि 2024 की सियासी जंग से पहले केसीआर राष्ट्रीय राजनीति में खुद को मजबूती से स्थापित करने की मुहिम में जुट गए हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने रैली का आयोजन किया है। हालांकि भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं। विपक्षी दलों में पीएम के चेहरे को लेकर पेंच फंसा हुआ है और अभी तक इस मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन सकी है।

इस मुद्दे पर सहमति बनना काफी मुश्किल माना जा रहा है। कैसीआर की रैली के प्रति विपक्षी दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया का भी इंतजार किया जा रहा है। इस रैली से ही साफ हो पाएगा कि विपक्षी एकजुटता की केसीआर की मुहिम परवान चढ़ पाएगी या नहीं।

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