वाराणसी/चंदौली: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आखिर किसकी चूक से 25 जाने गईं। यह प्रशासन और एलआईयू की लापरवाही थी या फिर जय गुरुदेव के आयोजकों की? आखिर इस घटना के पीछे का क्या है सच ?
यूपी की हाईटेक पुलिस से चूकी?
-भीड़ के चलते सुबह से ही पूरे वाराणसी में जाम था।
-सोशल मीडिया पर भीड़ की फोटोज वायरल हो रही थींं।
-न तो प्रशासन ने इस पर ध्यान दिया और न ही एलआईयू।
-इस पूरे मामले में प्रशासन का एलआईयू फेल हो साबित हुआ है।
जय गुरुदेव के आयोजकों ने दी गलत जानकारी?
-आयोजकों ने प्रशासन को गलत जानकारी दी थी।
-आईजी वाराणसी एसके भगत ने कहा कि सत्संग में 3 हजार लोगों के आने की अनुमति थी।
-अचानक बढ़ी भीड़ के चलते यह हादसा हुआ है।
जब लाखों की संख्या में आ रहे थे लोग तो कहा गया था पुलिस प्रशासन?
-अब सवाल यह उठ रहा है कि भले ही 3 हजार लोगों की अनुमति मांगी गई हो।
-लेकिन जब लाखों की भीड़ इकट्ठा हो रही थी पूरा शहर जाम से जूझ रहा था उस समय पुलिस प्रशासन कहां गया था।
-एलआईयू को इसकी जानकारी क्यों नहीं हुई ।
पुल टूटने की अफवाह
-वाराणसी में स्थित राजघाट पुल से जय गुरुदेव के शिष्य निकल रहे थे।
-इसी दौरान पुल टूटने की अफवाह उड़ी।
-अफवाह धीरे धीरे आग की तरह फैली और भगदड़ मच गई।
-इस दौरान पुलिस कहां थी प्रशासन के लोग कहां थे?
आगे की स्लाइड्स में देखें मौत का मंजर की फोटोज....