क्या बात कर रहे हो! दादा-परदादा ने किया था 300 साल देश पर राज, ये भून रहे भुट्टा   

Update: 2017-04-16 09:20 GMT

कोलकाता : मुग़ल सल्तनत जिसने देश पर 300 साल राज किया। उनकी शानोशौकत और फिजूलखर्ची के सैकड़ों किस्से सुने और सुनाए जाते हैं। उसी शाही परिवार की बहु सुल्ताना 6,000 रुपये की पेंशन में दिन काट रही है, और स्लम में रहने को मजबूर है। सुल्ताना अपनी बेटी मधु बेगम के साथ रहती हैं।

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सुल्‍ताना की 5 बेटियों और 1 बेटा है, सरकार की ओर से उन्हें 6,000 रुपये पेंशन में मिलते हैं। जोकि घर खर्च के लिए नाकाफी होते हैं। आपको तो पता ही होगा कि इनके पूर्वजों ने ताजमहल और लालकिले जैसे कई स्मारक बनाए लेकिन ये बेचारे तो वहां भी टिकट खरीद के जाते हैं।

सुल्‍ताना की पोती रोशन आरा कुछ पढ़ी-लिखी थी तो उसे सरकारी नौकरी मिल गयी लेकिन परिवार में कोई और नहीं पढ़ सका इसलिए सरकारी नौकरी नहीं मिल सकी। ग़ुरबत में जिंदगी बिता रही उनके घर के पास रहने वाले बताते हैं कि सुल्‍ताना ने वर्षों चाय की दुकान चलाई, भुट्टे भूने और लोगों के कपड़े सिलने का काम किया, लेकिन कभी भी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया।

सुल्‍ताना कहती हैं ‘हम जिंदा है, लेकिन ऊपरवाला ही जानता है कैसे। मेरी दूसरी बेटियां और उनके पति भी बेहद गरीब है। वे खुद बहुत मुश्किल से गुजारा कर रहे हैं, इसलिए हमारी कोई मदद नहीं कर सकते। सुल्ताना कहती हैं मेरे शौहर मोहम्‍मद बेदार बख्‍त कहते थे हम सम्‍मानजनक शाही परिवार से आते हैं और हमने कभी भीख नहीं मांगी।

बेदार बख्‍त के परदादा और अंतिम मुग़ल सम्राट बादशाह बहादुर शाह जफर वर्ष 1837 में गद्दी पर बैठे। देश की आज़ादी के लिए 57 में हुए ग़दर की अगुवाई शाह ने ही की थी, लेकिन गोरों ने क्रांति को कुचल दिया और 1858 में उन्हें निर्वासित कर बर्मा (म्यांमार) भेज दिया था। 7 नवम्बर, 1862 को शाह की मौत हुई। बहादुर शाह के कुछ वंशज आज अमेरिका, भारत और पाकिस्‍तान में रहते हैं।

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