रिसर्च में हुआ खुलासा: इन चीजों को छूने से होते हैं बीमार, फिर भी लोग करते हैं नजरअंदाज

Update:2018-09-10 14:39 IST

जयपुर: रोजमर्रा के जीवन में हम सभी न जाने कितनी ऐसी ही चीजें छूते हैं और इसकी वजह से बैक्टीरिया साथ लेकर घूमते हैं। जेब में रखे नोट, बर्तन और मेज साफ करने वाला कपड़ा, दरवाजों के हैंडल बेझिझक दिन भर छूते रहते हैं। इसके बाद न तो ठीक से हाथ साफ करते हैं और न ही इन्हें कीटाणुमुक्त बनाने के बारे में सोचते हैं।

कैंब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक का कहना है कि रसोईघर में इस्तेमाल होने वाला बर्तन पोछने वाला और मेज साफ करने वाला कपड़ा बहुत गंदा होता है। इसमें कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया चिपके रहते हैं। हम जब इससे बर्तन पोछते हैं तो बैक्टीरिया और वायरस खाने की प्लेट और कटोरियों में चिपक जाते हैं। इसके बाद इसी से बीमार हो जाते हैं। इन कपड़ों को साफ रखने के लिए रोज उबालना जरूरी है, ताकि कीटाणु मुक्त किया जा सके।

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अगर कहीं बाहर हैं और फोन की बैटरी खत्म हो जाती है तो अक्सर दूसरों का स्मार्टफोन इस्तेमाल करने लगते हैं, लेकिन क्या पता है कि दूसरों का स्मार्टफोन बीमार कर सकता है। बैक्टीरिया और वायरस के रहने की सबसे सुरक्षित जगह फोन ही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दूसरों का फोन मजबूरन इस्तेमाल करना भी पड़े तो माइक्रोफोन से जुड़े ईयरफोन लगाकर ही बात करें। इससे दूसरों के फोन के कीटाणुओं से काफी हद तक बचे रहेंगे।

सार्वजनिक शौचालय के दरवाजों के हैंडल बीमारियों का घर होते हैं। ऐसे तमाम लोग जो अपने हाथों को ठीक से साफ नहीं करते हैं, वह भी इन हैंडल को छूते हैं। इससे उनके हाथों और उंगलियों के कीटाणु इन हैंडल पर चिपक जाते हैं। ऐसे हैंडल छूने से बचने के लिए सार्वजनिक शौचालय के दरवाजे को पैरों से भी खोल सकते हैं।

अपने मुंह को तो खूब साफ करते हैं, लेकिन क्या पता है कि जहां पर अपना टूथब्रश रखते हैं, वह स्टैंड कितना गंदा है। सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन एनएसएफ इंटरनेशनल की 2011 की एक रिपोर्ट में पाया गया कि टूथब्रश स्टैंड कॉलिफोर्म बैक्टीरिया का घर होता है, जो सालमोनेला और ई-कोलाई का कारण बनता है।

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हम बाहर निकलते ही सबसे पहले जिस चीज को छूते हैं, वह है जेब में रखे कागज के नोट। नोट छूने के बाद हाथ साफ करने के बारे में हम सोचते भी नहीं हैं। जबकि यह नोट सामान्य चीजों के मुकाबले कहीं ज्यादा गंदे होते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कागज के एक नोट पर एक लाख 35 हजार बैक्टीरिया होते हैं। कागज के नोट की अपेक्षा प्लास्टिक मनी के कार्ड तीन गुना ज्यादा साफ होते हैं।

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