बड़ा कीमती Bitcoin: ऐसे बना देता है मालामाल, ट्विटर हैकर्स की नजर
हैकरों ने दुनिया की नामी- गिरामी हस्तियों के ट्विटर अकाउंट हैक कर लिए गए। हैकर्स ने लोगों के ट्विटर अकाउंट पर बिटकॉइन (Bitcoin) की मांग करना शुरू कर दिया।
लखनऊ: हैकरों ने बुधवार की रात बड़े पैमाने पर दुनिया की नामी- गिरामी हस्तियों के ट्विटर अकाउंट हैक कर लिए गए। मामले का खुलासा तब हुआ जब हैकर्स ने लोगों के ट्विटर अकाउंट पर मैसेज पोस्ट कर बिटकॉइन (Bitcoin) की मांग करना शुरू कर दिया। यहां ये जान लें कि आखिर बिटकॉइन क्या है और इसके जरिये हैकर्स को क्या फायदा मिलेगा।
बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी
बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है।क्रिप्टोकरेंसी का मतलब है डिजिटल मुद्रा या इंटरनेट पर चलने वाली एक वर्चुअल करेंसी, जो की रियल नहीं होती, बल्कि कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। इसकी शुरुआत साल 2008 से हुई, बाद में 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर इसे जारी किया गया। सातोशी नकामोति ने बिटकॉइन को बनाया। ध्यान दें कि अभी तक किसी को नहीं ये नहीं पता चला कि सातोशी नकामोति कौन है। यानी लोगों को ये भी पता नहीं है कि सातोशी नकामोति कोई इंसान है या कोई संस्थान।
क्रिप्टोकरेंसी बैंक या सरकार के काबू में नहीं
क्रिप्टोकरेंसी एक स्वतंत्र मुद्रा है, जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती। ऐसे में इसे कोई भी बैंक या सरकार नहीं संभालती। भारतीय रिजर्व बैंक ने तो इसे अभी तक मान्यता ही नहीं दी है। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी के जरिये क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाज़त दे दी है।
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बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त
देश में बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त हो सकती है। बता दें कि बिटकॉइन के अलावा दुनिया में कई और क्रिप्टोकरेंसी भी हैं, जैसे- रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कॉइन, वॉइस कॉइन और मोनरो।
बिटकॉइन की वैल्यू
2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर बिटकॉइन लॉन्च हुआ तब इसकी वैल्यू शून्य यानी 0 डॉलर थी। साल 2010 में भी इसकी वैल्यू 1 डॉलर तक भी नहीं पहुंची थी, लेकिन आज बिटकॉइन का रेट हजारों डॉलर में हो गया है।
कैसे होता है बिटकॉइन का इस्तेमाल
बिटकॉइन के जरिये लाखों व्यापारी लेन-देन करते हैं, जिसके लिए दुनियाभर में इसकी खरीद-फरोख्त कराने वाले कई एक्सचेंज हैं। इंटरनेट की कई वेबसाइट और ऐप के जरिये बिटकॉइन खरीद या बेच सकते हैं। खरीद-फरोख्त करने वालों की जानकारी छुपी रहती है।
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बिटकॉइन का फ़ायदा और नुकसान:
-एक क्रिप्टो करेंसी के तौर पर इसका सबसे बड़ा फायदा है कि ये डिजिटल करेंसी है। ऐसे में ये चोरी या गायब नहीं हो सकता।
-दूसरा फायदा ये हैं कि बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने पर लोगों को काफी मुनाफा होता है, हालंकि उतार-चढ़ाव होने पर जोखिम भी बना रहता है। बिना किसी चेतावनी केबिटकॉइन की कीमत 50 से 70 फीसदी तक गिर चुकी है।
-डिजिटल मुद्रा होने के चलते इसपर नोटबंदी या करेंसी अवमूल्यन का कोई असर नहीं पड़ता है।
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-इसके जरिये ऑनलाइन खरीदारी में आसानी होती है और डिजिटल लेन-देन भी आसान हो जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में मुनाफा काफ़ी अधिक होता है।
-इसका एक बड़ा नुकसान ये हैं कि इस बात का डर बना रहता है कि इस डिजिटल करेंसी से ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त की जा सकती है। साइबर हमले का खतरा भी बना रहता है।
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