मुलायम सिंह को 15 की उम्र में चढ़ा था राजनीति का चस्का, जानें कब रखी सपा की नींव?

Update:2016-11-22 09:46 IST

लखनऊ: वह जो बोल देते हैं, वही उनकी पार्टी के लिए पत्थर की लकीर बन जाता है। उन्हें लोग न केवल नेता जी कहते हैं, बल्कि उनकी कही बात को मानते भी हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश में राजनीति को एक अलग मुकाम पर ले जाने वाले मुलायम सिंह यादव की जो कि समाजवादी पार्टी के मुखिया हैं। मुलायम सिंह यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई में 22 नवंबर, 1939 को हुआ था। इनके पिता का नाम सुघर सिंह और माता का नाम मूर्ति देवी है इन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से मास्टर्स और जैन इंटर कॉलेज करहल (मैनपुरी) से बी0 टी0 की पढ़ाई पूरी की। मुलायम सिंह यादव ने एक इंटर कॉलेज में शिक्षक के रूप में पढ़ाया भी है। शायद ही लोगों को पता होगा कि राजनीति के इस बेताज बादशाह को राजनीति का चस्का काफी छोटी उम्र में ही लग गया था।

मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर जानिए कब लगा था मुलायम सिंह यादव को राजनीति का चस्का

मुलायम सिंह यादव ने 15 साल की उम्र में ही राजनीति में ही अपना इंट्रेस्ट दिखा दिया था। जब उन्होंने 1954 में डॉ. राम मनोहर लोहिया के आह्वान पर ‘नहर रेट आंदोलन’ में भाग लिया और पहली बार जेल गए। बता दें कि उस समय डॉ. लोहिया ने फर्रुखाबाद में बढ़े हुए नहर रेट के विरुद्ध आंदोलन किया था और जनता से बढ़े हुए टैक्स न चुकाने की अपील की थी। जिसके चलते हजारों सत्याग्रहियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें 15 साल के तेजस्वी ओज वाले मुलायम सिंह यादव भी शामिल थे।

इसके बाद मुलायम सिंह यादव 28 साल की उम्र में 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार जसवंत नगर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए। बाद में उन्होंने 1974, 77, 1985, 89, 1991, 93, 96 और 2004 और 2007 में विधायक का पद संभाला। शायद ही लोगों को पता होगा कि मुलायम सिंह यादव जसवंत नगर और फिर इटावा की सहकारी बैंक के निदेशक भी रह चुके हैं।

मुलायम सिंह यादव 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गए और मंत्री बने। 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के नाम का ऐसा राजनीतिक स्तम्भ बनाया, जिसने राजनीति की दुनिया में अनोखी पहचान बनाई और वे तीन बार 5 दिसंबर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसंबर 1993 से 3 जून 1995 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वर्तमान में वह समाजवादी पार्टी के मुखिया हैं जबकि उनके बेटे अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद को संभाला हुआ है।

आगे की स्लाइड में जानिए कब रखी गई थी समाजवादी पार्टी की नींव

1992 एक ऐसा समय था, जब मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में राजनीति की अनोखी बिसात को जन्म दिया। इंडिया के राजनैतिक इतिहास में इस साल एक महत्वपूर्ण पाठ जुड़ा था क्योंकि डेढ़-दो दशकों से हाशिए पर जा चुके समाजवादी आंदोलन को मुलायम सिंह यादव ने पुनर्जीवित किया था। इसके अगले ही साल 1993 में हुए विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी का गठबंधन बीएसपी से हुआ। भले ही यह मोर्चा जीत हासिल नहीं कर सका, लेकिन भारतीय जनता पार्टी भी सरकार बनाने से चूक गई। इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस और जनता दल दोनों का साथ लिया और फिर मुख्यमंत्री बने।

 

 

 

 

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