नई दिल्ली: अब सिम कार्ड लेना काफी आसान हो जाएगा। सिम के लिए आपको ढेर सारे डॉक्यूमेंट्स इकट्ठे करने की जरूरत नहीं। सरकार ने नए मोबाइल कनेक्शन के लिए आधार ई-केवाईसी की परमीशन दे दी है। यानी प्रीपेड या पोस्टपेड मोबाइल कनेक्शन के लिए फिंगरप्रिंट से ही काम चल जाएगा। जरूरी बस यह है कि आपका आधार कार्ड बन चुका हो।
ई-केवाईसी में कस्टमर अपनी आधार संख्या और बायोमेट्रिक्स के जरिए यूआईडीएआई को अपनी डिटेल (नाम, पता, जन्म तिथि और लिंग के साथ-साथ डिजटली साइंड फोटोग्राफ) मोबाइल कंपनी को उपलब्ध कराने का अधिकार देता है। अब सिम खरीदने के लिए कस्टमर अपना आधार नंबर सेलर को बताएगा। वह आधार नंबर से बायोमिट्रिक डिटेल्स (फिंगरप्रिंट या आयरिश) ले लेगा।
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उसके सिस्टम से कस्टमर के आधार के डिटेल्स ऑथराइजेशन (सत्यापन) के लिए टेलिकॉम ऑपरेटर के पास जाएंगे। विभाग डिटेल्स का सत्यापन कर सिम बेचने वाले को ऑनलाइन फॉर्म भरने और कस्टमर के डिटेल्स वेरिफाई करने को कहेगा।
सेलर को यह कंफर्म करना होगा कि उसने कस्टमर को सामने से देखा है और ऑनलाइन फोटो का उसके चेहरे से मिलान कर चुका है। इस कन्फर्मेशन के बाद सेलर कस्टमर को सिम थमा देगा। देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल इसी सप्ताह से आधार कार्ड के इस्तेमाल वाली ई-केवाइसी सर्विस शुरू करने का प्लान बना रही है।
वहीं, वोडाफोन इंडिया ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि कस्टमर जल्द ही वोडाफोन के किसी भी स्टोर पर एक आधार के साथ आएंगे और कुछ मिनटों के अंदर उन्हें ऐक्टिवेटेड सिम मिल जाएगा।
फायदे ही फायदे मिलेंगे सबको
कंपनियां: टेलिकॉम कंपनियों को फॉर्म को डिपार्टमेंट तक ढोकर नहीं पहुंचाना होगा। साथ ही डॉक्युमेंट्स की स्कैनिंग और उसके रखरखाव का खर्च भी बचेगा।
कस्टमर: नए नियम से कस्टमर को भी बड़ा फायदा होने वाला है। उसे तुरंत ऐक्टिवेटेड सिम तो मिलेगा ही, साथ ही उसकी प्राइवेट इनफार्मेशन भी छुपी रहेगी।
एनवायरमेंट: इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। कागजों का खर्च कम होगा और गो ग्रीन अभियान को मजबूती मिलेगी।