OH REALLY: अब और लंबे होंगे इंडियन दिन, 2017 में घड़ी में जोड़ा गया इतना टाइम

Update:2017-01-02 16:42 IST

नई दिल्ली: साल 2017 दस्तक दे चुका है। साल की शुरुआत में लोगों ने एक-दूसरे को तरह-तरह के तोहफे दिए। पर क्या आप जानते हैं कि नेचर ने इंडियंस को तोहफे में क्या दिया है? जी हां, इंडियंस को भी एक तोहफा मिला है और वह है इंडियन घड़ी में 1 सेकेंड का जुड़ना। पृथ्वी की रोटेशनल घड़ी से को-ऑर्डिनेशन बिठाने के लिए 1 जनवरी 2017 पांच बजकर 29 मिनट 59 सेकेंड पर इंडियन घड़ी में एक सेकेंड जोड़ा गया।

नेशनल फिजिकल लेबोरेट्री (एनपीएल) में मॉलिक्यूलर घड़ी में पिछली रात जब 23 बजकर 59 मिनट और 59 सेकेंड हुआ, तब धरती के रोटेशन में कमी के साथ तालमेल कायम करने के लिए साल 2017 में एक सेकेंड जोड़ने का प्रोग्राम तय किया गया। वैसे तो इस एक सेकेंड के जुड़ने से लोगों की डेली लाइफ पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन आपको बता दें कि यह सैटेलाइट नेविगेशन और एस्ट्रोनॉमी की फील्ड में काफी इम्पोर्टेंस रखता है।

आगे की स्लाइड में जानिए क्या है नेशनल फिजिकल लेबोरेट्री के डायरेक्टर का कहना

नेशनल फिजिकल लेबोरेट्री (एनपीएल) के डायरेक्टर डी के आसवाल ने कहा, 'पृथ्वी और अपनी एक्सिस पर उसके रोटेशन रेगुलर नहीं हैं क्योंकि कभी-कभी यह भूकंप, चंद्रमा के ग्रेविटी फ़ोर्स सहित डिफरेंट फैक्टर्स के चलते तेज तो कभी धीमे हो जाते हैं। चंद्रमा के ग्रेविटी फ़ोर्स से सागरों में लहरें उठती हैं'।

आगे उन्होंने कहा, 'एस्ट्रोनोमिकल टाइम (यूटी 1) मॉलिक्यूलर टाइम (यूटीसी) के को-ऑर्डिनेशन से बाहर निकल जाता है और जब भी दोनों के बीच फर्क 0.9 सेकेंड हो जाता है, तो दुनियाभर में मॉलिक्यूलर घड़ियों के माध्यम से यूटीसी में एक लीप सेकेंड जोड़ दिया जाता है।' तो साल 2017 की शुरुआत से आपकी लाइफ में भी एक सेकेंड की बढ़ोत्तरी हो गई है।

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