जयपुर: वेजेटेरियन लोगों में ज्यादातर लोग पनीर के शौकीन होते है। हर घर में पनीर की सबसे बड़े चाव से खाई जाती है। लेकिन ज्यादा खुश होने की बात नहीं है अगर आप भी पनीर खाते है तो ये खबर सिर्फ आपके लिए है।रिसर्च में ये बात सामाने आई है कि यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के रिसर्चर ने एक स्टडी में बताया है। जिसे सुनकर शायद आपको यकीन करना मुश्किल होगा। लेकिन सच है कि मनुष्य के लिए किसी भी डेरी के प्रोडेक्ट इस्तेमाल हानिकारक है। इसके प्रयोग ने हाथ और जबड़ों को कमजोर करना शुरू कर दिया है। इसका नतीजा ये हुआ कि हमारी खोपड़ी का आकार भी घट गया।
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रिसर्चर के मुताबिक इसकी वजह ये है कि इन खाद्य सामग्रियों का प्रयोग करने के बाद मानव की शिकार पर निर्भरता कम होने लगी और मुलायम चीजों को चबाने से उसके जबड़ों पर दबाव पड़ना भी कम हो गया। पूरे विश्व के अलग-अलग हिस्सों से करीब एक हजार मानव स्कल 'खोपड़ी' एकत्रित अध्ययन किया। इनमें मानव के खेती बाड़ी और डेरी प्रोडेक्ट के इस्तेमाल के बाद और उससे पहले शिकार पर निर्भर मानव की खोपड़ियां शामिल की गई थीं।
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जब दोनों की तुलना करने पर इस रिसर्च में निकल कर आया कि जैसे जैसे मानव फार्मिंग और पशुपालन की तकनीक विकसित करके फल सब्जियों और पशुओं के दूध से बनने वाले डेरी उत्पादों का प्रयोग बहुतायत में करने लगा उसके जबड़े सिकुड़ने लगे और खोपड़ी का आकार भी घटने लगा।