योगी के हॉस्पिटल से डॉक्टर लें सीख, गरीबों को मिलता है बेहतर इलाज, भरपेट भोजन, बिना किसी फीस

यूपी में योगी युग के आगाज के बाद से ही टीम योगी कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाए रखने से लेकर गरीबों और असहायों की मदद के लिए दिन-रात काम कर रही है।

Update: 2017-04-09 14:19 GMT

गोरखपुर: यूपी में योगी युग के आगाज के बाद से ही टीम योगी कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाए रखने से लेकर गरीबों और असहायों की मदद के लिए दिन रात काम कर रही है। सूबे में कोई शख्स भूखा ना सोए इसके लिए योगी ने मैगी के सबसे छोटे पैकेट से भी कम मूल्य (तीन रुपए में नाश्ता और पांच रुपए में खाना) पर लोगों को सस्ता खाना उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया। चुनाव पूर्व पीएम मोदी के वादे (किसानों की कर्ज माफी) को भी पूरा किया। ऐसा नहीं कि सीएम बनने के बाद से ही गरीबों, असहायों की मदद करना योगी की प्राथमिकता में शामिल है। गोरखपुर से सांसद रहते हुए भी योगी की प्राथमिकता में गरीब और असहाय लोग उच्च प्राथमिकता में शामिल थे।

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इसकी बानगी योगी आदित्यनाथ द्वारा खोला गया गुरु गोरक्षनाथ हॉस्पिटल है। यह हॉस्पिटल पूर्वांचल में एक मात्र ऐसा हॉस्पिटल है। जिसकी मिसाल योगी आदित्यनाथ प्रदेश भर के हॉस्पिटल और डॉक्टर्स को देते हैं। मेडिकल की महंगी-महंगी डिग्री लेकर मानवता को दफन कर चंद पैसों के लिए इंसानी शरीर के साथ खिलवाड़ करने वाले डॉक्टरों के लिए योगी का यह हॉस्पिटल किसी प्रेरणा से कम नहीं है।

कहा जाता है कि डॉक्टर धरती पर भगवान का रूप होता है, लेकिन जब वह चंद पैसों के लिए अपना जमीर बेच कर गरीब, असहाय लोगों के साथ अत्याचार करता है तो समाज का धरती के इस भगवान से भरोसा टूट जाता है। ना सिर्फ सीएम योगी आदित्यनाथ बल्कि उनके मंत्री भी सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रतिबद्ध हैं। यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी कहा है कि हर हाल में डॉक्टरों को सुधरना होगा। जो भी डॉक्टर अमानवीय व्यवहार करते हुए पकड़े जाएंगे, उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सुधारने का ब्लूप्रिंट तैयार है बस एक्शन होना है।

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बता दें कि, शनिवार (08 अप्रैल) को अपने रायबरेली के दौरे पर जब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पहुंची, तो वहां के एक हॉस्पिटल में उन्हें एक पर्ची मिली। सरकारी डॉक्टर ने यह सादी पर्ची दवा खरीदने के लिए मरीज को दी थी। इस पर्ची को स्मृति ईरानी ने सिद्धार्थ नाथ सिंह को दे दिया। जिसके बाद सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सभी डॉक्टर्स को चेतावनी देते हुए कहा कि अभी भी समय है सुधर जाओ, वर्ना बर्खास्त कर दिया जाएगा।

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सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार (5 अप्रैल) को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) पहुंचे थे जहां उन्होंने डॉक्टर्स से अपने इस हॉस्पिटल का भी जिक्र किया था। सीएम योगी ने कहा था कि डॉक्टरों को कमीशनखोरी से बचना चाहिए। डॉक्टर सीएचसी और पीएचसी पर ड्यूटी की बजाए निजी अस्पतालों में समय देना जरूरी समझते हैं, जो मरीजों के साथ अन्याय है। नए डॉक्टर कुछ दिन गांव में जाकर सेवा दें।अंतिम क्षेत्र तक स्वास्थ्य सेवा मिलनी चाहिए। अस्पतालों में पूरे वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे होते हैं। बाजारों से कराई जाने वाली जांच महंगी है।

उन्होंने इस पर रोक लगाने की बात भी कही थी। उन्होंने डॉक्टर्स से यह भी कहा था कि एक गरीब डॉक्टर के पास विश्वास से आता है। हो सकता है कि उसके पैसा न हो, लेकिन दुआ होती है। उस दुआ में बहुत ताकत होती है। इसलिए उन दुआओं को मत छोड़ना। हर डॉक्टर यही कोशिश करे, कि कोई भी मरीज उसकी दहलीज से निराश न जाए। मरीजों के प्रति डॉक्टरों की बड़ी जिम्मेदारी होती है। डॉक्टरों के मरीजों से अच्छे से पेश आने की जरूरत है। डॉक्टर को चाहिए कि वो मरीज की पूरी हिस्ट्री देखे, उससे बात करे।

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सीएम ने सुनाया वाकया

गोरखपुर में कुछ साल पहले एक डॉक्टर की गोली मार के अपराधियों ने हत्या कर दी थी। जानकारी मिली कि पैसे की मांग की गई थी, जिसके पूरा न होने पर हत्या हुई थी। मैं तब वहां सांसद था। मैंने मुद्दा उठाया और इसके बाद उन अपराधियों का एनकाउंटर हुआ और अपराधी मार दिया गया। एक बार एक डॉक्टर का अपहरण हुआ था। मैं धरने पर बैठा और उस समय पुलिस सक्रिय हुई और उन्हें बरामद कर लिया गया।

डॉक्टर की संवेदनशीलता पर भी बोले सीएम

सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि एक डॉक्टर की पहचान उसकी संवेदना से होती है। मरीज और तीमारदारों के बीच झगड़े होते हैं। जूनियर डॉक्टर गिरोह बनाकर मरीज और तीमारदार पर टूट पड़ते हैं। बलरामपुर में डॉक्टरों का बहुत अभाव है। ऐसा कई जगहों का हाल है। मेरी कोशिश रहेगी कि देश के आखिरी व्यक्ति तक चिकित्सा पहुंचे और उसे हर संभव सुलभ और सस्ती सुविधा मिले।

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क्या है योगी के हॉस्पिटल की खासियत ?

योगी आदित्यनाथ द्वारा खोला गया गुरु गोरक्षनाथ हॉस्पिटल पूर्वांचल में एक मात्र ऐसा हॉस्पिटल है जो गरीबों, असहायों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस हॉस्पिटल में दूरदराज से लोग इलाज कराने आते हैं। एम्स जैसे एक मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल की तरह ही इस हॉस्पिटल में भी सारी सुविधाएं हैं। योगी का यह हॉस्पिटल ब्लड बैंक, डायलिसिस, फिजियोथेरेपी, आयुर्वेदिक उपचार जैसी कई सुविधाओं से लैस है।

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इस हॉस्पिटल की ख़ास बात यह है कि यहां गरीबों और असहायों को विशेष छूट दी जाती है। जो मरीज आर्थिक रूप से कमजोर होता है, उसका इलाज गरीब दरिद्र नारायण सेवा कोष से फ्री में किया जाता है। इस गरीब दरिद्र नारायण सेवा कोष में जो भी व्यक्ति आर्थिक रूप से संपन्न होता है, वह अपनी स्वेच्छा से गरीबों के इलाज के लिए अंश दान भी करता है।

योगी के इस हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा मरीज नेपाल, बिहार और पूर्वांचल से सटे इलाकों से आते हैं। जाति-धर्म से परे और मानवीय संवेदनाओं से युक्त इस हॉस्पिटल में 'अन्नपूर्णा सेवा' के नाम से लोगों को मात्र 10 रुपए में भर पेट भोजन भी कराया जाता है। योगी आदित्यनाथ का प्रयास है कि वह इस हॉस्पिटल की तरह ही सुविधा प्रदेश के हर हॉस्पिटल में उपलब्ध करवाएं। खासकर योगी की नजर उन डॉक्टर्स, हॉस्पिटल्स और मेडिकल स्टाफ पर टेढ़ी है, जो करप्शन में लिप्त हैं और डॉक्टरी जैसे पेशे को बदनाम कर गरीब, असहाय लोगों का शोषण करते हैं।

 

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इस हॉस्पिटल में दवाओं पर भी मरीजों को 5 से 50 फीसदी तक की छूट मिलती है। यहां डायलिसिस का खर्च अन्य हॉस्पिटल के मुकाबले बहुत कम है। इलाज के लिए यहां 30 रुपए की पर्ची बनती है। इस हॉस्पिटल में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। कोई व्यक्ति हॉस्पिटल में पान- मसाला, गुटखा नहीं खा सकता है, अगर ऐसा करते कोई पकड़ा गया तो उसे 500 रुपए का जुर्माना देना पड़ता है।

इस हॉस्पिटल में मरीजों के लिए वेंटिलेटर युक्त एम्बुलेंस की भी सुविधा है। यहां पर मरीजों को एडमिट करने के लिए वार्ड का शुल्क 250 रुपए से लेकर 800 रुपए तक है।

गुरु गोरक्षनाथ हॉस्पिटल के सहायक निदेशक रामेश्वर सिंह बताते हैं कि इस हॉस्पिटल का मुख्य उदेश्य गरीब, असहाय और मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ता और सुलभ उपचार प्रदान करना है। हॉस्पिटल का उद्देश्य है कि यहां से कोई भी मरीज निराश होकर वापस ना लौट जाए।

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रामेश्वर कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ जब सांसद थे तो वह हर सुबह यहां पर प्रत्येक मरीज से उसके हेल्थ के बारे में जानकारी लेते थे। वह स्वयं यहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान देते थे। अगर कोई व्यक्ति पैसे देने में असमर्थ होता, तो उसका पैसा माफ कर उसका इलाज फ्री में कराया जाता है।

यही नहीं, योगी आदित्यनाथ की हॉस्पिटल स्टाफ के लोगों को सख्त हिदायत भी है कि किसी मरीज को परेशान न किया जाए और उनसे अपने माता-पिता, भाई या बहन की तरह बर्ताव किया जाए।

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