1 साल 12 लाख मौत: तम्बाकू पर प्रतिबंध, थूकने पर भी बैन लगाने की अपील
बीती 11 मई को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों से सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी बैन लगाने की अपील की है।
लखनऊ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह को पत्र लिख कर तम्बाकू पर प्रतिबंध लगाने की कार्यवाही करने की अपील की है। डा. हर्षवर्धन ने यह अपील इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की उस सिफारिश के मद्देनजर की है जिसमें आईसीएमआर ने सार्वजनिक स्थानों पर थूकने और धूम्रपान को कोविड-19 जैसे संक्रामक रोग बढ़ने का कारण बताया गया है।
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थूकने पर भी बैन लगाने की अपील
बीती 11 मई को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों से सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी बैन लगाने की अपील की है।
उन्होंने राजस्थान और झारखंड राज्य सरकारों की तारीफ करते हुए कहा है कि कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के लिए राजस्थान और झारखंड ने अपने यहां तम्बाकू पर बैन लगा दिया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने पत्र में कहा है कि चबाने वाले तंबाकू उत्पादों और सुपाड़ी से मुंह में लार का उत्पादन बढ़ जाता है, इसके बाद थूकने की बहुत तीव्र इच्छा होती है। नतीजा यह होता है कि व्यक्ति जहां देखो वहीं थूक देता है।
थूकने से कोविड-19 का संक्रमण
सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से कोविड-19 का संक्रमण बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाकर न सिर्फ स्वच्छ भारत, बल्कि स्वस्थ भारत का लक्ष्य हासिल करने में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।
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उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बीती पहली मई को जारी दिशानिर्देशों का भी हवाला देते हुए कहा है कि इन दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकना दंडनीय अपराध होगा। केंद्रीय मंत्री का साफ कहना है कि तंबाकू और थूकने पर बैन से कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी।
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
यह आदत बेहद खतरनाक हो सकती है, खासकर इससे कोविड-19, तपेदिक, स्वाइन फ्लू, एन्सेफलाइटिस आदि बीमारियां फैल सकती हैं। उनका कहना है कि धूम्रपान करना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि अगर ऐसा स्थान, जहां ज्यादा लोग जमा होते हैं, वहां धूम्रपान करने से कोविड-19 का खतरा भी रहता है।
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इधर, केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग तथा पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के स्टेट टोबैको कंट्रोल सेल के सदस्य डा. सूर्यकांत ने भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पत्र का समर्थन करते हुए यूपी में तंबाकू, सुपारी, पान, पान मसाला, गुटखा आदि की बिक्री व प्रयोग पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की अपील की है।
12 लाख लोगों की मृत्यु
उन्होंने कहा कि तंबाकू और उसके उत्पादों से 40 तरह के कैंसर व 25 तरह की अन्य बीमारियां होती हैं। तंबाकू और उसके उत्पादों से भारत में प्रतिवर्ष लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है।
इसलिए तंबाकू का उपयोग स्वास्थ्य के लिए वैसे भी बहुत खराब है। डॉ सूर्यकांत ने जनता से आह्वान किया है कि अपने स्तर पर तंबाकू के विरोध में जागरूकता अभियान चलाएं।
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