14 दिनों का क्वारन्टीन पूरा, लेकिन घर जाने की अनुमति नहीं

25 मार्च से चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान अपने घरों की ओर जाते समय जनपद से निकले कई लोगों को कपड़ा गया था। उनका कुसूर यह था कि लॉकडाउन तोड़ा है। 29 तारीख सख्ती बढ़ी तो ऐसे लोगों को अस्थाई आश्रम स्थल भेजा जाने लगा।

Update: 2020-04-20 13:24 GMT
14 दिनों का क्वारन्टीन पूरा, लेकिन घर जाने की अनुमति नहीं

कन्नौज। 25 मार्च से चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान अपने घरों की ओर जाते समय जनपद से निकले कई लोगों को कपड़ा गया था। उनका कुसूर यह था कि लॉकडाउन तोड़ा है। 29 तारीख सख्ती बढ़ी तो ऐसे लोगों को अस्थाई आश्रम स्थल भेजा जाने लगा। अब कई प्रदेशों के सौ लोग ऐसे रह गए हैं जो 14-14 दिन का समय क्वारंटीन के रूप में गुजार चुके हैं, लेकिन उनको छोड़ा नहीं जा रहा है। आश्रय स्थलों में वह कैदियों की तरह जिंदगी गुजार रहे हैं।

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14-14 दिन के लिए क्वारंटीन

यूपी के कन्नौज जनपद के करीब पौने दो सौ सरकारी भवनों, निजी स्कूल, कॉलेज, छात्रावास व पंचायत घरों पर साढे़ तीन हजार लोगों को 14-14 दिन के लिए क्वारंटीन किया गया था।

अब तक तीन हजार से अधिक लोगों को छोड़ा जा चुका है, जो बाद में आए हैं या संदिग्ध हैं, उनको कोरोना वायरस की महामारी से बचने के लिए क्वारंटीन किया जा रहा है।

जिले की तीनों तहसील क्षेत्र में कम से कम एक-एक भवन ऐसे भी चिह्नित हुए हैं जहां 50 से अधिक लोग क्वारंटीन हैं। 14 दिन का समय पूरा होने के बाद कन्नौज या आसपास के जिलों के लोगों को घर के लिए रवाना कर दिया गया।

छोड़ा नहीं जा रहा

अब समस्या उन लोगों के सामने है, जो दूसरे प्रदेशों के लोग यहां रुके हैं। उनका दर्द है कि क्वारंटीन समय पूरा हो गया है, घर वाले राह भी तक रहे हैं, लेकिन छोड़ा नहीं जा रहा है।

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कैदियों की तरह जिंदगी जी रहे हैं। कारण, अधिकारियों के हाथों में आदेश नहीं है। बताया गया है कि तकरीबन एक सैकड़ा लोग बिहार, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान आदि प्रदेशों के हैं, जो घर जाने की राह तक रहे हैं।

यहां कैद हैं 66 लोग कई प्रदेशों के

जीटी रोड बाईपास के निकट चल रहे अर्शी पैरामेडिकल कॉलेज छात्रावास में बड़ा आश्रय स्थल है। शुरुआती दौर में यहां करीब साढे़ तीन सौ लोग रुके थे। इन दिनों करीब एक सैकड़ा लोग यहां क्वारंटीन हैं।

दूसरे प्रदेशों से आए 66 लोगों अब भी क्वारंटीन हैं जबकि 15 अप्रैल को ही उनका 14 दिन का समय पूरा हो गया था। इनमें 39 लोग बिहार, 16 झारखंड, मध्य प्रदेश के आठ, हरियाणा के दो और दिल्ली के एक व्यक्ति रुका है।

यह लोग फोन से घर पर बात करते हैं तो आज आने की तो कभी कल आना का आश्वासन देते हैं, लेकिन अधिकारियों की ओर से मंजूरी न मिलने की वजह से छोड़े नहीं गए हैं।

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क्या बोले कृषि अधिकारी

जिला कृषि अधिकारी/सेक्टर मजिस्ट्रेट राममिलन सिंह परिहार ने बताया कि पैरामेडिकल छात्रावास में क्वारंटीन सेंटर में 107 लोग ठहरे हैं। इसमें 66 लोग दूसरे प्रदेशों के हैं। शासन से आदेश न आने की वजह से नहीं छोड़ा गया है।

पहले आए पत्र में लिखा था कि दूसरे प्रदेश के लोग छोड़ने के बाद बाद में गाइड लाइन जारी की जाएगी। उसी का इंतजार हो रहा है।

इस बाबत जब जिम्मेदारों का पक्ष जानने के लिए डीएम राकेश मिश्र के सीयूजी नंबर 9454417555 और एडीएम गजेंद्र कुमार के सीयूजी नंबर 9454417626 पर संपर्क किया तो रिसीव नहीं किया।

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रिपोर्ट- अजय मिश्रा

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