यूपी में फंसे कश्मीरी मजदूरः बीवी की मौत के बाद बच्चे अकेले, कैसे हो घर वापसी

भारत में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन हो गया है, ऐसे में कई कामगार अपने अपने घरों से दूर दूसरे राज्यों व जिलों में फंस गए हैं। रोजी रोटी की समस्या को तो भले ही सरकार के प्रयासों से दूर किया जा रहा है लेकिन काम न होने के कारण बेगार मजदूर गाँव वापसी की आस में है। हालात ये है कि पत्नी की मौत होने के बाद भी मजदूर अपने घर वापस नहीं जा पा रहा।

Update:2020-04-18 21:58 IST

बाराबंकीः भारत में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन हो गया है, ऐसे में कई कामगार अपने अपने घरों से दूर दूसरे राज्यों व जिलों में फंस गए हैं। रोजी रोटी की समस्या को तो भले ही सरकार के प्रयासों से दूर किया जा रहा है लेकिन काम न होने के कारण बेगार मजदूर गाँव वापसी की आस में है। हालात ये है कि पत्नी की मौत होने के बाद भी मजदूर अपने घर वापस नहीं जा पा रहा।

बाराबंकी में फंसे कश्मीर के 34 मजदूर

दरअसल, उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में कश्मीर से रोजी रोटी के लिए काम करने आये 34 मजदूर लॉकडाउन के चलते फंसे हुए हैं। जिले के विकासखंड देवा इलाके के पवैयाबाद गाँव में बने चिनहट कोल्ड स्टोरेज में ये लोग रह रहे हैं। खाने-पीने की सुख सुविधा होने के बावजूद इन्हें अपने घर-परिवार की याद सता रही है। इनमे से एक मजदूर की तो पत्नी का निधन हो गया और बच्चे घर पर अकेले हैं, लेकिन मजदूर अपने बच्चों के पास नहीं जा सकता।

पत्नी की मौत के बाद बच्चे घर पर अकेले, नहीं हो सकती वापसी

जिले में फंसे 34 कश्मीरियों में से एक मजदूर ने बताया कि उसके चार छोटे - छोटे बच्चे है और यहाँ फँस जाने के बाद उसकी पत्नी का आकस्मिक निधन हो गया। वह अपने बच्चों के पास जाना चाह रहा है, लेकिन दुख की घड़ी में लॉकडाउन की वजह से अपने बच्चों के पास नही पहुँच पा रहा है। वहीं बच्चे घर पर अकेले हैं और लॉकडाउन की वजह से उनका ख्याल रखने वाला भी कोई नहीं। ऐसी ही कहानी लगभग सभी मजदूरों की है, जिनके घरों पर परेशानियां है और परवार वाले भी उनके लिए फिक्रमंद हैं। इन मजदूरों के घर पर न तो पैसा है और ना ही ये पैसा भेज पा रहे हैं।

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कोल्ड स्टोरेज के मालिक ने उठाई खाने पीने और रखने की जिम्मेदारी

मामले में कोल्ड स्टोर के मालिक जीशान ने बताया कि कश्मीर से यह 34 मजदूर दो महीने पहले यहां आये थे और लॉकडाउन की वजह से यहीं फंस गए । वह अपने सभी मजदूरों की परेशानियों को देखते हुए उनके खाने पीने की व्यवस्था खुद कर रहे है। लेकिन मजदूरों की परेशानी खाना नही, बल्कि अपने घर जाना है।

कोल्ड स्टोर के मालिक ने मजदूरों की मदद करने के उद्देश्य से कहा कि वे प्रशासन को इस बारे में सूचित कर मांग करेंगे कि मजदूरों को उनके घर वापस भेज दिया जाए। हालाँकि जीशान इस बारे में अपर जिलाधिकारी से इस मामले में बात कर चुके हैं लेकिन यूपी से कश्मीर भेजने को कोई भी रास्ता इन हालातों में नहीं निकल सका। इतना ही नहीं जीशान मजदूरों को घर भेजने के लिए अपनी तरफ से पैसा भी खर्च करने को तैयार है।

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मजदूरों की परेशानी जानकारी पर समाजसेवी नवीन सिंह राठौर ने बताया कि इनके खाने पीने की व्यवस्था के लिए वह खाद्य सामग्री लेकर आये है। यहाँ फँसे मजदूरों की हालत बहुत चिंताजनक है और वह जिला प्रशासन से मिलकर कोई रास्ता निकालने की माँग करेंगे ।

रिपोर्टर- सरफराज वारसी

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