69000 टीचर्स की बल्ले-बल्ले: SC से मिली योगी सरकार को राहत, भर्ती का रास्ता साफ
उत्तर प्रदेश के 69 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षामित्रों की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया है। इससे योगी सरकार को बड़ी राहत मिली है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के 69 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षामित्रों की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया है। इससे योगी सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और बेसिक शिक्षा बोर्ड की ओर से पेश राकेश मिश्रा को कुछ बोलने की जरूरत ही नहीं पड़ी।
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बेंच ने याचिका खारिज
शिक्षामित्रों की तरफ से मुकुल रोहतगी ने कहा कि सिंगल जज बेंच ने हमारे दावे के समर्थन में निर्णय दिया था, लेकिन डिवीजन ने हमारा पक्ष पूरी तरह नहीं सुना।
सुप्रीम कोर्ट में लम्बित याचिका पर आज सुनवाई होनी थी। इस पर आज ही याचिकाकर्ताओं की दलील सुनकर ही जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस शान्तनु गौडार और जस्टिस विनीत शरण की बेंच ने याचिका खारिज कर दी।
शिक्षा मित्रों की तरफ से मुकुल रोहतगी ने कहा कि, इससे कई लोगों को मौका मिलेगा. इसके बाद याचिका खारिज कर दी गई। अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अपनी दलील मेें कहा कि मसला हमारे कॉन्ट्रैक्ट के रिन्युअल को लेकर भी है और नियुक्ति की प्रक्रिया में लगातार किए गए बदलाव का भी मसला है।
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69000 प्राथमिक शिक्षकों की नई भर्ती
इस पर जस्टिल ललित ने पूछा कि कितने शिक्षामित्र नियुक्त हुए थे? जवाब में मुकुल रोहतगी ने कहा कि 30 हजार, फिर सरकार ने शिक्षामित्रों की बजाय 69000 प्राथमिक शिक्षकों की नई भर्ती निकाली थी।
शिक्षामित्रों की ओर से दलील देते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि परीक्षा के बाद नया कटऑफ भी तय किया।
बेंच ने कहा कि आपके कहने का आशय यह है कि बीएड कभी भी अर्हता नहीं थी और परीक्षा के बाद कटऑफ तय करना गलत।
इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि शिक्षामित्रों को बहुत कम वेतन मिल रहा है। फिर जस्टिस ललित ने कहा कि यानी आप चाहते हैं कि 45 फीसदी सामान्य के लिए और 40 फीसदी आरक्षित वर्ग के लिए किया जाए।
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