इस लोकसभा सीट पर 8950 लोगों ने दबाया नोटा का बटन

शाहजहांपुर 27 लोकसभा सुरक्षित सीट से बीजेपी प्रत्याशी अरूण सागर ने बड़ी जीत हासिल की है। लेकिन मतगणना खत्म होने के बाद जो आंकड़े आए वो हैरान कर देंगे वाले वाले थे। जिस बीजेपी प्रत्याशी ने गठबंधन प्रत्याशी को ढाई लाख वोट से ज्यादा हराया है।और उसी सीट पर 8950 वोट नोटा पर पड़े हैं।

Update:2019-05-24 15:38 IST

शाहजहांपुर: लोकसभा चुनाव में मतगणना खत्म होने के बाद जो परिणाम आये हैं उससे एक बात और साफ हो गई कि 8950 लोगों को एक भी प्रत्याशी पसंद नही था। इसलिए उन्होंने किसी प्रत्याशी को वोट देने के बजाए उन्होने नोटा चुनना पसंद किया। नोटा का बटन दबाने वाले लोगों की गिनती चुनाव में बढ़ती जा रही है। जितना नोटा का बटन दबा है। उतना तो यहां प्रसपा पार्टी के प्रत्याशी के लिए नहीं दबा। ऐसे में अब जब नोटा की तादाद बढ़ रही है तो राजनैतिक पार्टियों को एक बार सोचना पड़ेगा कि आखिर ऐसा प्रत्याशी मैदान में उतारे कि नोटा दबाने की जरूरत ही न पड़े।

शाहजहांपुर 27 लोकसभा सुरक्षित सीट से बीजेपी प्रत्याशी अरूण सागर ने बड़ी जीत हासिल की है। लेकिन मतगणना खत्म होने के बाद जो आंकड़े आए वो हैरान कर देंगे वाले वाले थे। जिस बीजेपी प्रत्याशी ने गठबंधन प्रत्याशी को ढाई लाख वोट से ज्यादा हराया है।और उसी सीट पर 8950 वोट नोटा पर पड़े हैं। ये आंकङा काफी चौकाने वाला इसलिए भी है क्योंकि जितना वोट नोटा पर पड़ा इतना वोट तो तीन बड़ी पार्टियों को छोड़कर बाकी मैदान मे 11 प्रत्याशी थे उनको भी नही मिला।

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खास बात ये है कि शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी लोहिया पार्टी के प्रत्याशी नरवीर फौजी को नही मिला। प्रसपा प्रत्याशी को महज 2089 मत ही मिले। ऐसे मे राजनैतिक पार्टियों को काफी सोचना होगा कि वह जिस प्रत्याशी को मैदान मे उतार रहे हैं क्या उसको लोग पसंद भी करते है या नही। हालांकि बीजेपी को बड़ी जीत तो मिल गई। ये जीत आप चाहे प्रत्याशी की कहे या फिर पीएम मोदी की कहे।

नोटा का बटन दबाने के पीछे के कारण का पता हमने आम जनता से लगाया। उनका कहना था कि सरकार किसी भी पार्टी की बने। लेकिन भष्टाचार अपने चरम पर रहता है। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा वक्त देश पर राज किया क्या भ्रष्टाचार खत्म हो गया। ऐसा लगता है कि देश बर्बाद हो गया।

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उसके बाद 2014 में जनता ने सोचा पीएम मोदी कुछ करेंगे। गरीब जनता की भलाई होगी। रिश्वतखोरी बंद हो जाएगी। लेकिन सच माने तो ये सिर्फ दिखावा है। अगर आज भी विभागो में जाकर कोई कार्य कराया जाए तो बाबू सबसे पहले रिश्वत की बात करता है। उनका कहना है कि हम मानते है कि पीएम मोदी की छवी अच्छी है। लेकिन उनकी पार्टी द्वारा बनाए गए प्रत्याशी की छवी कैसी है। ये भी तो देखना होता है।

 

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