Aaj Ka Mausam: कड़क धूप के साथ चलेंगी ठंडी हवाएं, इन दिनों में यूपी समेत यहां हो सकती है बारिश

Aaj Ka Mausam: दो दिनों के बीच प्रदेश में हवाएं चलने की संभावना भी जताई गई है। फिलहाल, दिन के समय तेज धूप और सूरज ढलने के बाद हल्की ठंड का सिलसिला जारी रहेगा।;

Update:2025-02-07 07:31 IST

Kaisa Rahega Mausam: दिल्ली-एनसीआर में सूरज देवता पूरे दिन अपनी चमक बिखेर रहे हैं। हालांकि, दिन भर चल रही ठंडी हवाएं ठंडक को बनाए हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश में आज हल्का कोहरा देखने को मिल सकता है। अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में भारी वर्षा हो सकती है। हिमाचल प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में शीत लहर का असर देखने को मिल सकता है। इसके अलावा, हिमाचल और कश्मीर के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि फरवरी के महीने में गर्मी का असर कोई नई बात नहीं है। उनका मानना है कि अगले 2-3 दिन के भीतर प्रदेश के तापमान में गिरावट आ सकती है, जिससे गर्मी में कुछ कमी देखने को मिल सकती है। साथ ही, अगले एक से दो दिनों के बीच प्रदेश में हवाएं चलने की संभावना भी जताई गई है। फिलहाल, दिन के समय तेज धूप और सूरज ढलने के बाद हल्की ठंड का सिलसिला जारी रहेगा।

हो सकती है बारिश

मौसम वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि इस समय मौसम में कोई खास सक्रियता नहीं होने की वजह से ठंड में कमी आ गई है और गर्मी का असर बढ़ रहा है। आसमान भी बिल्कुल साफ है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तापमान सामान्य है, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में तापमान अपेक्षाकृत ऊंचा है। मोहम्मद दानिश ने यह भी बताया कि अगले एक हफ्ते तक प्रदेश में बारिश की कोई संभावना नहीं है, लेकिन भविष्य में बारिश हो सकती है, हालांकि उसकी तिथि अभी तय नहीं है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि तापमान में हल्की गिरावट आ सकती है।

इन क्षेत्रों में सकती है बर्फबारी

एक और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 8-11 फरवरी के बीच पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में हल्की वर्षा या बर्फबारी की गतिविधियाँ हो सकती हैं। तापमान के स्तर की बात करें तो, इस दौरान भारत में अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास या उससे थोड़ा ऊपर रह सकता है, जबकि गुजरात और उसके आसपास के क्षेत्रों में सामान्य से कम तापमान रह सकता है। गुरुवार के बाद, यह प्रभाव मध्य और पूर्वी भारत में भी फैल सकता है। इस अवधि के दौरान, भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी ऊपर रहने की संभावना है।

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