UP News: यूपी में अडानी समूह को लगा बड़ा झटका, 5454 करोड़ का प्रीपेड मीटर लगाने का टेंडर रद्द

UP News: हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आने के बाद विवादों में घिरी अडानी समूह की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। एक तरफ जहां निवेशकों में कंपनी के प्रति भरोसा कम होता जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ अडानी समूह को उत्तर प्रदेश में झटक लगा है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-02-06 08:56 IST

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (फोटों: सोशल मीडिया)

UP News: उत्तर प्रदेश के बिजली महकमें में अब अड़ानी की दाल नहीं गलने वाली है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ही नहीं राज्य के बाक़ी के चार विद्युत वितरण निगमों में भी अड़ानी के प्री पेड स्मार्ट मीटर आपूर्ति के टेंडर निरस्त होने की संभावना बढ़ गई है। यह संदेश सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते शनिवार को बढ़े हुए मूल्य पर मीटर सप्लाई करने के मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के टेंडर को निरस्त करवा कर दे दिये हैं। अड़ानी की कंपनी ने सभी विद्युत वितरण निगमों में मीटर आपूर्ति का टेंडर अडतालीस से पैंसठ फ़ीसदी से अधिक दर पर करने का टेंडर डाला है। जानकारी के अनुसार अडानी को 5454 करोड़ रुपये का ठेका मिलने वाला था। राज्य में मीटर बदलने की योजना का बजट तक़रीबन पच्चीस हज़ार करोड़ रुपये का है।

सरकार को बढ़ी हुई दरों पर मीटर लेना गँवारा नहीं

सरकार को बढ़ी हुई दरों पर मीटर लेना गँवारा नहीं है। कहा जा रहा है कि सरकार को यह मीटर मोटे तौर पर दस हज़ार रुपये में पड़ रहा है। जबकि बाज़ार में छह हज़ार रुपये में यह मीटर उपलब्ध हैं। मीटर बदलने की यह योजना राज्य में बिजली की चोरी की बढ़ती घटनाओं के चलते लागू की जा रही है। इसे रि वैम्ड डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम से बदला जाना हैं । इसमें केंद्र सरकार केवल फ़ीसदी अंशदान दे रही है। यह धनराशि भी अनुदान के मद में नहीं है।

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में केवल चौहत्तर हज़ार मीटरों की आपूर्ति होनी थी। राज्य सरकार ने इसे ही निरस्त किया है। जबकि बाक़ी के चार विद्युत वितरण निगमों में इसके कई गुना यानी तक़रीबन ढाई करोड़ मीटर आपूर्ति होनी है। जबकि राज्य में कुल उपभोक्ताओं की संख्या तीन करोड़ चौबीस लाख है। ये चारों विद्युत वितरण निगम है-दक्षिणांचल विद्युत वितरण-आगरा, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम-मेरठ, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम- वाराणसी और केस्को-कानपुर। अभी अड़ानी का जो मध्यांचल विद्युत वितरण निगम का टेंडर निरस्त हुआ है। वह लगभग सौ करोड़ रुपये का था। बिजली महकमें की यूनियन के पदाधिकारी शैलेंद्र दुबे ने कहा कि सरकार को इस योजना के मद में खर्च की जाने वाली धनराशि को मीटर बदलने की जगह बिजली व्यवस्था के सुधार पर खर्च करनी चाहिए । ताकि बिजली चोरी का स्थाई हल निकाला जा सकें।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद बढ़ीं अडानी की मुश्किलें

हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आने के बाद विवादों में घिरी अडानी समूह की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। एक तरफ जहां निवेशकों में कंपनी के प्रति भरोसा कम होता जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ समूह के खिलाफ विपक्षी दल भी हमलावर हैं। दुनिया के टॉप-3 रईस लोगों की सूची में शामिल गौतम अडानी शीर्ष 20 से भी बाहर हो चुके हैं। इन सबके बीच उनकी कंपनी को एक और बड़ा झटका लगा है। अबकी बार अडानी समूह को ये झटका उत्तर प्रदेश से मिला है।

प्रीपेड मीटर 

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने अडानी ग्रुप से स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीदने का टेंडर निरस्त कर दिया है। ऐसा निर्णय अधिक रेट के कारण लिया गया है। दरअसल, यूपी में 2.5 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीद के लिए टेंडर जारी किया गया था। इस प्रक्रिया में 25 हजार करोड़ रूपये की लागत आनी थी। इनमें से 5400 करोड़ की मीटर खरीद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम से ही की जानी थी। अडानी समूह ने इस टेंडर के लिए सबसे महंगी बोली लगाई थी। 

उपभोक्ता परिषद ने दर्ज कराई थी आपत्ति 

इस मामले में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने यूपी सरकार के सामने आपत्ति दर्ज कराई थी। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने आरोप लगाया था कि मीटर 6 हजार रूपये का पड़ रहा है, जबकि अडानी समूह ने 10 हजार रूपये का रेट लगाया था। मीटर पर 48 फीसदी से लेकर 65 फीसदी तक रेट बढ़ाया गया था। उसी पर आपत्ति लगी थी। 

सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद

इस टेंडर रद्द करने को लेकर अवधेश वर्मा ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, चार कलस्टरों में किए गए टेंडर में अडानी समूह ने सभी में हिस्सा लिया था। समूह की दरें महंगी होने के बावजूद इस टेंडर में सबसे कम थी, इसलिए उसे ही टेंडर का दावेदार माना जा रहा था। लेकिन यूपी सरकार के इस फैसले ने समूह के अरमानों पर पानी फेर दिया। 

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