अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा राजेन्द्र तिवारी 10 दिसम्बर को तलब

कोर्ट ने माना है कि अपर मुख्य सचिव कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने के लिए प्रथम दृष्टया अवमानना के दोषी है और अभियोजन चलाए जाने के लिए जिम्मेदार हैं।

Update: 2019-11-29 14:26 GMT
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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश लखनऊ राजेंद्र कुमार तिवारी को 10 दिसंबर को अवमानना आरोप निर्मित करने के लिए कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने माना है कि अपर मुख्य सचिव कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने के लिए प्रथम दृष्टया अवमानना के दोषी है और अभियोजन चलाए जाने के लिए जिम्मेदार हैं।

निर्मित होगा अवमानना आरोप, प्रथम दृष्टया अवमानना के दोषी करार

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने श्री त्रिवेणी संस्कृत महाविद्यालय प्रयागराज की प्रबंध समिति की अवमानना याचिका पर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जब तक आयोग द्वारा अध्यापकों के चयन के नियम नहीं बन जाते तब तक विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार अध्यापकों का चयन जारी रखने का निर्देश दिया था।

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इसके खिलाफ सरकार की अपील खारिज करते हुए कोर्ट ने आदेश दिया था कि जब तक चयन आयोग द्वारा प्रधानाचार्य एवं अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया एवं उनके वेतन के निर्धारण के नियम नहीं बन जाते तब तक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी की परिनियमावली के तहत निर्धारित चयन प्रक्रिया के आधार पर ही नियुक्तियां जारी रखी जाए। इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। जिस पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को अवमानना का दोषी करार दिया है और आरोप निर्मित करने के लिए 10 दिसंबर को तलब किया है। सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।

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