मिलावटी हल्दी बेंचने पर आठ साल बाद मिली उम्र कैद

11 अप्रैल, 2011 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश चंद्र ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई। 25 अप्रैल, 2011 को अभियुक्त के खिलाफ आईपीसी की धारा 272 व 273 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया।

Update: 2019-05-10 15:38 GMT

लखनऊ: विशेष अपर सत्र न्यायाधीश स्वप्ना सिंह ने मिलावटी हल्दी बेचने के मामले में दोषी करार दिए गए अभियुक्त दुकानदार बुधलेश गुप्ता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर चार हजार का जुर्माना भी ठोंका है।

सरकारी वकील अभय त्रिपाठी के मुताबिक बुधलेश गुप्ता की सआदतगंज इलाके में बड़ा चैराहा गल्लामंडी के पास दुकान थी। 19 जनवरी, 2011 को मिलावटी हल्दी बेचने का संदेह होने पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश चंद्र ने इसकी दुकान से पिसी हल्दी जबकि युगल किशोर ने साबूत हल्दी का नमूना लिया।

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हल्दी के दोनों नमूनों को जांच के लिए भेजा गया। जन विश्लेषक, वाराणसी की जांच रिपोर्ट में पिसी हल्दी में मिटेनिलयलो नामक प्रतिबंधित सश्लिष्ट रंग पाया गया। जबकि साबूत हल्दी में कीट भक्षित हल्दी की मात्रा पाई गई। जो साबूत हल्दी से एक प्रतिशत अधिक थी।

11 अप्रैल, 2011 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश चंद्र ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई। 25 अप्रैल, 2011 को अभियुक्त के खिलाफ आईपीसी की धारा 272 व 273 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया।

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