कृषि मंत्री ने पूछा- ओला व बारिश से कितना हुआ नुकसान, किसानों ने की ये मांग

रविवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुई बारिश व ओलों के साथ आई आंधी से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए कृषि मंत्री ने सोमवार को वीडियो...

Update: 2020-04-27 14:30 GMT

कन्नौज: रविवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुई बारिश व ओलों के साथ आई आंधी से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए कृषि मंत्री ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अधिकारियों से हाल जाना। करीब दो घंटे तक वह कई जिलों से रूबरू हुए। फसलों के नुकसान की रिपोर्ट मांगी और किसानों की खाद, बीज व कीटनाशक सम्बंधी समस्याएं भी पूछीं।

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कई जिलों से हुए रूबरू

कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने सोमवार को दोपहर तीन बजे से शाम पांच तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिलों में संपर्क साधा। अधिकारियों से रूबरू होकर उन्होने आगामी फसलों की बुवाई को लेकर अब तक की तैयारी के बारे में पूछा। कृषि से सम्बंधित दुकानों के खुलने व सरकारी व निजी दुकानों पर खाद, बीज, पेस्टीसाइड की उपलब्धता के बारे में भी समीक्षा की।

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आंधी-पानी से हुए नुकसान की समीक्षा की

यूपी के कन्नौज तहसील सदर परिसर में बने एनआईसी में उप निदेशक कृषि आरएन सिंह व जिला कृषि अधिकारी राममिलन सिंह परिहार से भी कृषि मंत्री सूर्यप्रताप सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात की। उन्होंने 26 अप्रैल को आई आंधी, पानी व ओला से हुए फसलों के नुकसान की समीक्षा की। कृषि विभाग के जिम्मेदारों ने नुकसान के बारे में बताया।

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आगे की तैयारी पर की चर्चा

खरीफ फसल की तैयारी के लिए बीज की डिमांड, खाद की उपलब्धता और कीटनाशक की दुकानों के खुलने के बारे में भी पूछा। शाम पांच बजे तक चली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिला कृषि अधिकारी ने जनपद के लिए 100 कुंतल ढेंचा बीज की मांग की। बताया कि पिछले साल 40 कुंतल बीज आया था। तर्क दिया गया कि रासायनिक खाद से मिट्टी खराब हो रही है। जीवांश की मात्रा बढ़ाने के लिए ढेंचा जरूरी है। इस मौके पर इफको टोकियो फसल बीमा कंपनी जिला प्रबंधक निखिल चतुर्वेदी आदि रहे।

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ये-ये हुए नुकसान

जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि अचानक हुई बारिश व आंधी से गेहूं की फसल भीग गई है। गेहूं तो धूप निकलने से सूख जाएगा, लेकिन मक्का की फसल गिर गई है। जिसकी जड़ें व पौधे का मोटा हिस्सा टूट गया है, वहां ज्यादा नुकसान होगा। वह पौधा खड़ा नहीं हो जाएगा। इसमें फूल आ गये हैं या बड़े पौधे थे या फिर जिसमें उसी दिन पानी लगा था, आंधी व बारिश से गिरे हैं। उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लिया है यानी बीमा कराया है वह दो दिन के अंदर कृषि विभाग, बीमा कंपनी को जानकारी दे दें।

रिपोर्ट: अजय मिश्र

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