अजय कुमार लल्लू बोले- कोविड केयर फंड का हिसाब दे सरकार

जिस समय आदित्यनाथ सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को सबसे ज्यादा सहयोग करने की जरूरत थी, उस समय आदित्यनाथ सरकार ने अपना भ्रष्टाचार का चेहरा उजागर किया है|;

Newstrack Network :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-05-02 13:30 IST

अजय कुमार लल्लू(फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ: यूपी में कोरोना महामारी के कहर से जूझती जनता की परेशानियों को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश सरकार पर हल्ला बोला है। अजय कुमार लल्लू ने कहा आज कोरोना महामारी में प्रदेश का प्रत्येक नागरिक आदित्यनाथ सरकार की लापरवाही और संवेदनहीन रवैये की वजह से कोरोना वायरस महामारी से निजी तौर पर अपनी क्षमता से लड़ रहा है|

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जिस समय आदित्यनाथ सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को सबसे ज्यादा सहयोग करने की जरूरत थी, उस समय आदित्यनाथ सरकार ने अपना भ्रष्टाचार का चेहरा उजागर किया है|

उन्होंने कहा कि बीते साल अप्रैल 2020 में सरकार ने UP कोविड केयर फंड का बनाया था, प्रदेश के आम आदमी का पैसा, विधायकों की विधायक निधि, सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों और प्रदेश के व्यापारी वर्ग से मोटी रकम इस फंड में जबरदस्ती जमा कराया गया |

सुविधाओं के अभाव में दम में तोड़ रहे

कोविड केयर फंड पर सवाल उठाते हुए अजय कुमार लल्लू ने कहा कि विधायक निधि को 1 साल के लिये सस्पेंड कर 2020-21 की विधायक निधि का पैसा, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में से 30 प्रतिशत वेतन की कटौती का पैसा आदि कोविड केयर फंड में जमा कराया गया बताया गया कि इसका उपयोग महामारी से लड़ने में किया जाएगा|

उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ने के लिये बनाये गये इस फंड का कोरोना के दूसरी वेब के समय मे कुछ पता नही है| इस फंड का पैसा इस मुश्किल समय में कहां खर्च किया जा रहा है| प्रदेश में लोग ऑक्सीजन, दवाई और स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाओं के अभाव में दम में तोड़ रहे है ऐसे में यूपी कोविड केयर फंड का पता नही | सरकार ने अबतक इस फंड में कितने पैसे जमा हुये, कितना पैसा किस मद में किस माध्यम से खर्च हो रहा है ? सरकार नही बता रही है |

यूपी कोविड केयर फंड के कुछ आकंड़े निम्नलिखित हैं

◆ जुलाई 2020 तक यूपी कोविड-केयर फंड में विभिन्न स्रोतों से 412 करोड रुपए जमा हुए इसकी जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने एक प्रश्न के जवाब में लिखित उत्तर में दी।

◆ 412 करोड़ में 252 करोड़ विभिन्न कार्यों पर खर्च किए गए इनमें 169.75 दवाएं लेने व चिकित्सा उपकरण और ढांचागत सुविधाएं खरीदने में और प्रवासी श्रमिकों को एक 1000 रुपये दिए जाने में 83.07 खर्च किए गए।

◆ बाकी शेष 160 करोड़ रुपये कहाँ गए उसका आज तक पता नहीं और ना ही इसका जवाब सरकार ने आज तक दिया।

◆ जुलाई 2020 के बाद भी जो धनराशि यूपी कोविड-केयर फंड में जमा हुई उसका भी कोई हिसाब किताब आदित्यनाथ सरकार की तरफ से सार्वजनिक नही किया गया।

उन्होंने जनता के परेशानियों पर आवाज उठाते हुए कहा कि जिस पैसे का उपयोग लोगों की चिकित्सीय चिकित्सा में किया जाना था उस पैसे का बंदरबांट हुआ,आज उसका नतीजा यह है कि जब दूसरी लहर रोना महामारी की हुई सरकार ने प्रदेश के लोगों को उनके हाल पर मरने को छोड़ दिया है और अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है लोग सड़कों पर मर रहे हैं।

आगे उन्होंने कहा प्रदेश के लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही रेमेडीसीवीर इंजेक्शन के लिए लोग दर्द दर-दर ठोकरें खा रहे हैं और कालाबाजारी से दवाई खरीदने को मजबूर है इस समय भी संवेदनहीनता की पराकाष्ठा दिखाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री यह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में किसी चीज की कमी नहीं है लोग अफवाह फैला रहे हैं ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी।

कांग्रेस पार्टी बीजेपी आदित्यनाथ सरकार से सवाल करती है कि मुख्यमंत्री जी बताएं कि कोविड-19 फंड में जमा हुए पैसे मे जुलाई 2020 तक बचे 160 करोड और जुलाई 2020 से अब तक जमा रुपए कहां गए ?

जुलाई 2020 के बाद अबतक जो पैसे जमा हुए उसको सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया ?

मुख्यमंत्री जी अपना अहंकारी तानाशाही स्वभाव छोड़िए सच को स्वीकार कीजिए और सच ये है कि आपकी सरकार कोरोना महामारी में प्रदेश की लोगों की मदद करने के बजाय उस UP कोविड केयर फंड के भ्रष्टाचार और बंदरबांट में लगी है |

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