UP Nikay Chunav 2023: टूटते बचा सपा-रालोद गठबंधन, आरएलडी प्रवक्ता की धमकी काम आई

UP Nikay Chunav 2023: सपा ने बागपत और बड़ौत में स्थानीय नगर निकाय चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल का समर्थन करने का ऐलान कर दिया। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में इसकी जानकारी दी गई है।

Update:2023-04-18 18:55 IST
अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ( सोशल मीडिया)

UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर है। विधानसभा चुनाव के बाद पूरे प्रदेश में एक बार फिर चुनाव को लेकर काफी सियासी गहमागहमी है। पार्टी से टिकट मिलने के बाद उम्मीदवार गाजे-बाजे के साथ नामांकन कर रहे हैं। इस बीच पश्चिमी यूपी में सीट शेयरिंग को लेकर सपा-रालोद गठबंधन में दरार आ रही थी। आरएलडी के सख्त तेवर को देखते हुए गठबंधन पर खतरे के बादल मंडराने लगे थे। लेकिन समय रहते समाजवादी पार्टी ने कदम वापस खींच लिए।

दरअसल, पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों की सीटों पर सपा और रालोद दोनों ने उम्मीदवार खड़े कर दिए, जिससे असहज स्थिति पैदा हो गई। रालोद ने सपा पर गठबंधन धर्म का पालन न करने का आरोप लगाया। पार्टी ने यहां तक कह दिया कि उससे गठबंधन में पर्याप्त सम्मान नहीं मिल रहा है, जिसके बाद अटकलों शुरू हो गया था।

विधानसभा चुनाव बाद पूर्वांचल में कई छोटे सहयोगियों को गंवाने वाली सपा इसके बाद डैमेज कंट्रोल में जुट गई। अखिलेश यादव वेस्ट यूपी में जयंत चौधरी जैसे अहम सहयोगी का साथ नहीं गंवाना चाहते। लिहाजा फौरन सपा ने बागपत और बड़ौत में स्थानीय नगर निकाय चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल का समर्थन करने का ऐलान कर दिया। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में इसकी जानकारी दी गई है।
ट्वीट में कहा गया है कि बड़ौत और बागपत में समाजवादी पार्टी स्थानीय नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद हेतु चुनाव नहीं लड़ेगी और राष्ट्रीय लोकदल का समर्थन करेगी।

कुछ समय पहले सपा को लाल आंख दिखाने वाली आरएलडी के तेवर इसके बाद नरम पड़ गए हैं। कुछ देर पहले ट्वीट कर गठबंधन तोड़ने की चेतावनी देने वाले रालोद प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने सपा के इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने सपा के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, गठबंधन धर्म हमें निभाना आता है।

गौरतलब है कि रालोद प्रवक्ता रोहित अग्रवाल इस पहले अपने कल की ट्वीट में समाजवादी पार्टी को चेता चुके थे। उन्होंने बेहद तल्ख ट्वीट कर गठबंधन तोड़ने की धमकी दे दी थी। उनका ट्वीट काफी वायरल हुआ था और सियासी हलकों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया था। अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा था, बर्दाश्त करने की सीमा होती है, रस्सी को उतना ही खींचो टूट ना जाए।हमारी खामोशी (सम्मान) को हमारी कमजोरी मत समझो। उन्होंने अपने इस ट्वीट में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को भी टैग किया था।

बता दें कि सपा और रालोद का गठबंधन बीते पांच सालों से प्रदेश में चल रहा है। दोनों 2018 में उपचुनाव के दौरान साथ आए थे। इसके बाद 2019 का लोकसभा चुनाव और 2022 का विधानसभा चुनाव साथ लड़ा था। हालांकि, गठबंधन को वेस्ट यूपी में अपेक्षित सफलत नहीं मिली। फिर भी एलांयस जारी रहा। अखिलेश यादव और जयंत चौधरी यूपी में निकाय चुनाव भी साथ लड़ने की बात कहते रहे हैं।

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