Aligarh News: युवती से 10 लाख की चौथ वसूली मांगने व फोटो वायरल करने पर दरोगा लाइन हाजिर
Aligarh News: न्याय के लिए एसएसपी के पास पहुंची युवती, दरोगा पर अपने होने वाले पति को अश्लील फोटो भेजने का लगाया आरोप।
Aligarh News: जिले के इगलास थाने में तैनात उप निरीक्षक पर एक युवती ने 10 लाख रुपए की चौथ मांगने का आरोप लगाया है। युवती का आरोप है कि जब उसने उप निरीक्षक को 10 लाख रुपये नहीं दिए तो उप निरीक्षक ने युवती का फोटो वायरल कर दिया। घटना की शिकायत पीड़िता ने एसएसपी से की। जिसके बाद एसएसपी ने मामले को तत्काल संज्ञान लेते हुए उप निरीक्षक के विरुद्ध महिला थाने में एफआईआर दर्ज कर लाइन हाजिर कर दिया। वहीं पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस को दी तहरीर में पीड़िता का आरोप है कि वह मथुरा जनपद के नोहझिल थाना क्षेत्र की रहने वाली है। 2021 में फोन के माध्यम से दरोगा ने संपर्क किया उस समय उसकी ड्यूटी थाना अतरौली में चल रही थी। फिर उसने शादी का प्रस्ताव रखा तथा अपने आप को हमारी बिरादरी का बताया और इसी दौरान दरोगा ने धोखे से मेरे अपने साथ अश्लील फोटो बना लिए। बाद में पता चला कि दरोगा शराब पीता है तथा हमारी जाति का नहीं है, तो हमने शादी करने से मन कर दिया। जब मैंने शादी से मना कर दिया तो दरोगा ने मुझे बताया की मैंने तुम्हारे फोटो बना लिए हैं। यदि तुम मेरे साथ शादी नहीं करोगी तो मैं तुम्हारे फोटो वायरल कर दूंगा। नहीं तो मुझे फोटो डिलीट करने के लिए 10 लख रुपए देने होंगे। जब मैंने कहा कि हमारा 10 लख रुपए देने का कोई जुगाड़ नहीं है, तो दरोगा ने कहा कि मैं तुम्हारे फोटो वायरल कर रहा हूं। तब मैंने कहा कि मैं तुम्हारी शिकायत कर दूंगी तो दरोगा शांत हो गया। उसके बाद मेरी शादी तय हो गई। दरोगा ने मेरे होने वाले पति का फोन नंबर पता करके स्वयं तथा अपने साथ एक महिला पुलिसकर्मी के माध्यम से मेरे अश्लील फोटो मेरे होने वाले पति के मोबाइल पर वायरल कर दिए, जिससे मेरी समाज में बेज्जती हुई है। पीड़िता की इस शिकायत पर 15 सितंबर को आईपीसी की धारा 384 व सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 के तहत 67 धारा के अंतर्गत अलीगढ़ महिला थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
वहीं इस मामले में इगलास सीओ कृष्ण गोपाल सिंह का कहना है कि थाना इगलास में कार्यरत पुलिस उप निरीक्षक के विरुद्ध एक महिला द्वारा प्रेम प्रसंग लेकर आरोप लगाते हुए एक प्रार्थना पत्र दिया गया था। इसके संबंध में तत्काल सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है तथा संबंधित उपनिरीक्षक को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसके अलावा विभागीय कार्यवाही प्रचलित है।