Sanjeev Jeeva Murder: संजीव जीवा मर्डर केस की CBI जांच मांग वाली याचिका नामंजूर, इलाहाबाद HC ने कहा- 'अभी जरूरत नहीं'
Sanjeev Jeeva Murder: लखनऊ हाईकोर्ट ने जीवा मर्डर केस की सीबीआई जांच से जुड़ी याचिका नामंजूर कर दी। हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ता को आगे नई याचिका दाखिल करने की छूट दी है।
Sanjeev Jeeva Murder: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच ने गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा (Sanjeev Maheshwari Jeeva Murder) हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने जीवा मर्डर मामले में दाखिल एक जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि, 'सीबीआई जांच ककी मांग को अभी मंजूर नहीं किया जा सकता। क्योंकि, हाल ही में कोर्ट के समक्ष यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि जांच सही ढंग से नहीं होगी।
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इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने याची वकील को छूट दी, कि 'आगे यदि उसे लगे कि जांच सही ढंग से नहीं हो रही है तो वह इसके लिए नई याचिका दायर कर सकते हैं।' कोर्ट ने भरोसा जताया कि SIT मामले की सही दिशा में जल्द जांच करेगी। हाईकोर्ट के जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय (Justice Devendra Kumar Upadhyay) और जस्टिस जसप्रीत सिंह (Justice Jaspreet Singh) की ग्रीष्मावकाश कालीन खंडपीठ ने ये आदेश एक स्थानीय वकील की याचिका पर दिए।
विजय की कोर्ट में पेशी, भेजा गया जेल
वहीं दूसरी तरफ, संजीव जीवा हत्याकांड के आरोपी विजय यादव को बुधवार (14 जून) को कोर्ट में पेश किया गया। भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच विजय यादव को जेल ले जाया गया। अदालत में पेश करने के बाद गेट नम्बर- 4 से आरोपी विजय यादव को वापस जेल भेजा गया।
याचिका में क्या कहा?
याची अधिवक्ता मोतीलाल यादव (Petitioner Advocate Motilal Yadav) ने हाईकोर्ट को बताया कि, 'भरी अदालत में हुई इस हत्याकांड से 'कानून के शासन' की अवधारणा प्रभावित हुई। याची ने घटना को लोगों की सुरक्षा से जुड़ा होना बताया। उसने कहा, ऐसे में प्रदेश की अदालतों के परिसरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाने चाहिए, ताकि कोर्ट का काम सुचारू और सुरक्षित रूप से चल सके। याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि, घटना के ठीक बाद सरकार ने जांच के लिए जो SIT बनाई है वह पर्याप्त नहीं है, क्योंकि भरी अदालत में हुए इस हत्याकांड की गूंज देशभर में सुनाई पड़ी।
राज्य सरकार की ओर से याचिका का विरोध
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सीबीआई जांच वाली याचिका का विरोध करते हुए महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र (Advocate General Ajay Kumar Mishra) और मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह का कहना था कि, 'याचिका समय से पहले दाखिल की गई। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि मामले की विवेचना सही तरीके से नहीं हो रही। उन्होंने कहा, सरकार ने घटना वाले दिन ही तीन सदस्यीय SIT गठित कर दी थी, जो तेजी से जांच में जुटी है। सुनवाई में कोर्ट परिसरों की सुरक्षा को गंभीरता से लेने का तर्क सरकार की तरफ से दिया गया। इस दलील के साथ सरकार की ओर से पेश वकीलों ने याचिका को खारिज करने योग्य कहा।