Amethi News: इलाज में लापरवाही और रेफर करने के आरोप पर संजय गांधी अस्पताल सील, स्वास्थ विभाग ने की कार्यवाही
Amethi News: स्वास्थ विभाग ने बड़ी कार्यवाही करते हुए पहले कारण बताओ नोटिस जारी किए अगले ही दिन अस्पताल को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया। इस समय अस्पताल को सील कर दिया गया है।
Amethi News: संजय गांधी अस्पताल में डाक्टरों की लापरवाही के चलते महिला की मौत के मामले को शासन ने गंभीरता से लेते हुए बड़ी कार्यवाही किया है। अमेठी स्वास्थ विभाग ने बड़ी कार्यवाही करते हुए पहले कारण बताओ नोटिस जारी किए अगले ही दिन अस्पताल को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया। इस समय अस्पताल को सील कर दिया गया है। मरीजों को भर्ती वा ओपीडी पर रोक लगा दी गई है। फिलहाल अस्पताल प्रशाशन ने इस कार्यवाही पर सवाल खड़ा करते हुए स्वयं को निर्दोष बताया है।
परिजनों ने अस्पताल प्रशासन लगाया गंभीर आरोप
संजय गांधी अस्पताल मुंशी गंज में तीन दिन पूर्व इलाज के दौरान एक महिला हालत बिगड़ने के बाद लखनऊ में उसकी मौत हो गई थी। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्यवाही और अन्य मांगों को लेकर अस्पताल गेट पर धरना प्रदर्शन किया था। इसमे मुंशी गंज पुलिस ने अस्पताल के सीओओ सहित तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं यूपी के डिप्टी सीएम ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ को जांच के आदेश दिए थे। जांच टीम ने इलाज और रिफर करने में लापरवाही का मामला पाया। जिसके चलते शासन ने अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करते हुए अस्पताल को सीज कर दिया है। अब नए मरीजों का इलाज और भर्ती के लिए अस्पताल में रोक लगा दी गई है।
अस्पताल प्रशासन का आरोप, नहीं दिया समय
वहीं इस मामले पर संजय गांधी अस्पताल सीओओ अवधेश वर्मा ने बताया की शासन के निर्देश पर हमारे अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किया गया है। अभी हमारा अस्पताल बन्द है, जो मरीज पहले से एडमिट है उनका इलाज चल रहा है। जब वो मरीज स्वथ्य हो जाएंगे तो पर्णतः बन्द हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा की हम लोगों को अपनी बात रखने का समय नहीं दिया गया। 18 तारीख को तीन महीने के भीतर नोटिस देकर जवाब मांगा था। लेकिन 19 तारीख को हमारे अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किया गया है।
आगे बताया कि हम लोग अपने ऊपर अधिकारियों को बता दिया गया। उनका जो निर्णय होगा उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। अगर ऊपर के लोग चाहे तो हम कोर्ट भी जा सकते हैं।आगे उन्होंने कहा कि जिस मरीज का मामला था। वह ब्लैडर स्टोन का ऑपरेशन कराने के लिए आई थीं। ऑपरेशन के पहले ऑपरेशन थिएटर में ले जाने के बाद उनको एनेस्थीसिया देना होता है। एनेस्थीसिया दिया गया तो उनको रिएक्शन होने पर हम लोगों ने तुरंत उसको आईसीयू में शिफ्ट किया। परिवार वालों से रेफर कर ले जाने को कहा मगर वह तैयार नहीं हुए डिस्चार्ज करने में अस्पताल की लापरवाही नहीं कहा जा सकता। मगर कुछ केसों में दवा रिएक्ट करती है। मेडिकल बुक में भी लिखा हुआ है की दवाई के साइड इफेक्ट होते हैं।
सीएमओ ने बताया मामला
वहीं सीएमओ अंशुमान सिंह ने बताया की 14 सितम्बर को दिव्या नामक एक महिला का संजय गांधी अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन कराने गई थी, जिसको डॉक्टर द्वारा एनथीसिया का इंजेक्शन दिया गया और महिला बेहोश हो गई। इसकी सूचना ट्वीटर के माध्यम से मिली और मेरे द्वारा तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर जांच कराई गई जांच के बाद रिपोर्ट आई, जिसमे पता चला कि एनथीसिया का इंजेक्शन लगने के बाद महिला बेहोश हो गयी। वहां पर कोई कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर नही थे और 8 से 10 घण्टे अस्पताल में मरीज रखा गया और बाद में उसे रिफर कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गयी। आगे उन्होंने बताया कि संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करते हुए इमरजेंसी और ओपीडी सेवा पर प्रतिबंध लगाकर अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दी गई है और अस्पताल में पहले से भर्ती 20 मरीज के ठीक होने तक उनका इलाज चलेगा। सीएमओ ने बताया कि अन्य विधिक कार्रवाई की जा रही है।