Atiq-Ashraf Murder Case: सनी सिंह को जितेंद्र गोगी गैंग ने दी थी विदेशी पिस्टल, एसआईटी की पूछताछ शूटर का बड़ा खुलासा
Atiq-Ashraf Murder Case: उत्तर प्रदेश हमीरपुर जिले के रहने वाले सनी सिंह ने एसआईटी को बताया कि जितेंद्र गोगी गैंग ने उसे उनके प्रतिद्वंदी गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया को ठिकाने लगाने की सुपारी दी थी। इसके लिए उसे दो जिगाना पिस्टल, 50 कारतूस और 50 हजार रूपये नकद दिए गए थे। गैंग के एक सदस्य ने उसे इस काम के लिए दिल्ली बुलाया था।
Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या के मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है। हत्याकांड में शामिल तीन शूटरों में से एक सनी सिंह ने एसआईटी की पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। बकौल सनी जिस तुर्किये मेड जिगानी पिस्टल से उसने माफिया ब्रदर्स को मौत के घाट उतारा था, वो उसे एक सुपारी के लिए मिली थी। सुपारी उसे दिल्ली के कुख्यात जितेंद्र गोगी गैंग ने दी थी। गैंग के सदस्य ने ही उसे यह विदेशी पिस्टल मुहैया कराई थी।
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सनी को किसकी मिली थी सुपारी ?
उत्तर प्रदेश हमीरपुर जिले के रहने वाले सनी सिंह ने एसआईटी को बताया कि जितेंद्र गोगी गैंग ने उसे उनके प्रतिद्वंदी गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया को ठिकाने लगाने की सुपारी दी थी। इसके लिए उसे दो जिगाना पिस्टल, 50 कारतूस और 50 हजार रूपये नकद दिए गए थे। गैंग के एक सदस्य ने उसे इस काम के लिए दिल्ली बुलाया था। सनी ने पूछताछ में यह भी बताया कि टिल्लू ताजपुरिया तक एक मीडियाकर्मी बनकर ही पहुंचा जा सकता है। इसलिए उन्हें एनसीआर नामक न्यूज चैनल की माइक आईडी और कैमरा सौंपा गया था, ताकि किसी को शक न हो। वारदात को वह अंजाम दे पाता उससे पहले ही गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या कर दी गई।
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फेमस होने के लिए लाइव शूटआउट
जिसके बाद सनी ने उस गुर्गे के मोबाइल पर संपर्क किया, जिससे उसकी बातचीत हुई थी। मगर उसका फोन बंद मिला। आरोपी सनी ने आगे बताया कि इसके बाद वो वापस दिल्ली से हमीरपुर आ गया और छोटी-मोटी घटना करने लगा। बाद में उसने यही प्लान अतीक-अशरफ पर अप्लाई किया और मीडियाकर्मी बनकर माफिया भाईयों की हत्या कर दी। सनी ने पूछताछ में एसआईटी को बताया कि जिस तरह असद अहमद उमेश पाल की हत्या के बाद फेमस हो गया था, उसी तरह वह भी फेमस होना चाहता था, इसलिए उसने लाइव शूटआउट को अंजाम दिया।
कौन था गैंगस्टर जितेंद्र गोगी ?
जितेंद्र गोगी एक समय प्रॉपर्टी का बिजनेस किया करता था। साल 2010 में पिता की मौत के बाद उसने जरायम की दुनिया में कदम रखा। उस पर हत्या, हत्या के प्रयास के 19 मामले, डकैती, जबरन वसूली जैसे कई मामले दर्ज थे। दिल्ली में उसके गैंग ने आतंक मचा रखा था। अप्रैल 2021 में वह दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया था। उस पर मकोका लगाया गया था। 24 सितंबर 2021 को जब उसे दिल्ली की रोहिणी कोर्ट पेशी के लिए लाया गया था, तब उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हालांकि, क्रॉस फायरिंग में दोनों हमलावर भी मारे गए थे। बताया गया था कि जिन दो शूटरों ने जितेंद्र गोगी पर गोली चलाई वे वकील बनकर कोर्ट में आए थे। एक अन्य गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया ने उन्हें एक महीने तक वकील बनने की ट्रेनिंग दिलवाई थी।
अतीक-अशरफ पर दागी गई थी 34 गोलियां
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा में हत्या कर दी गई थी। तीनों हमलावरों ने माफिया भाईयों पर 16 सेकेंड में 34 गोलियां दागी थीं। जिसमें से सनी ने 16, लवलेश ने 13 और अरूण मौर्य ने 3 गोलियां चलाई थीं। जानकारी के मुताबित, सनी और लवलेश ने जिगानी पिस्टल से फायरिंग की थी, वहीं अरूण ने देसी मुंगेरी कट्टे से गोली चलाई थी।