'कोरोना' से मौत होगी ये तय नहीं, लेकिन ऐसा करने पर जरूर 'जान' से धोना पड़ेगा हाथ

पूरा प्रदेश इस समय लॉक डाउन की समस्या से जूझ रहा है। वहीं गरीब मजदूर अपने घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर रहकर अपनों से बिछड़ने के गम को  भूला नहीं  पा रहे हैं। 

Update: 2020-03-28 13:50 GMT

औरैया: पूरा प्रदेश इस समय लॉक डाउन की समस्या से जूझ रहा है। वहीं गरीब मजदूर अपने घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर रहकर अपनों से बिछड़ने के गम को भूला नहीं पा रहे हैं।

उन्होंने किसी की भी परवाह न करते हुए सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल चलकर अपने परिजनों से मिलने की इच्छा जताते हुए यह सफर शुरू कर दिया और जैसे भी हो सका वह लोग अपना सफर तय करने में जुट गए।

उन्होंने इस दौरान अपनी जान की परवाह भी नहीं की और छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लिए ट्रकों की छत पर बैठकर गंतव्य की ओर रवाना होते दिखाई दिए। शनिवार को शहर के मंडी समिति तिराहे पर सैकड़ों की संख्या में लोग ट्रकों की छत से उतरे और कंटेनरो के माध्यम से अपने अपने गंतव्य की ओर रवाना होने लगे।

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सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे अधिकारी

इसी दौरान किसी के द्वारा इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दे दी गई। आनन-फानन में पहुंचे जिलाधिकारी अभिषेक सिंह, पुलिस अधीक्षक सुनीति, सदर विधायक रमेश दिवाकर सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए।

उन्होंने तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी बुलाया। जिला प्रशासन द्वारा कई सौ किलोमीटर दूरी तय करके आए लोगों को पहले भोजन कराया गया। उसके उपरांत उनकी थर्मल स्क्रीनिंग भी कराई गई।

जिला प्रशासन द्वारा उन्हें गंतव्य तक पहुंचाए जाने के लिए निशुल्क बसों की सेवा भी उपलब्ध कराई गई और उनसे अपील की गई कि वह लोग अपने घरों में जाने के बाद एक बार पुनः अपनी जांच करा लें और जब तक लॉक डाउन रहे तब तक अपने घरों में परिजनों के साथ समय व्यतीत करें।

राहगीरों ने बताया कि वह लोग दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, हरियाणा व अन्य राज्यों से पैदल चलकर आ रहे हैं। जहां भी उन्हें वाहन की सुविधा मिल जाती थी वह उसी पर सवार हो जाते थे। जैसे तैसे करके उन्हें अपने घर तक पहुंचना है।

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