मीलों का सफर: नसीब में नहीं नींद, ऐसे अपने घर जा रहे बेचारे मजदूर

देशभर में लॉकडाउन लागू होने के चलते भारी संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। लेकिन लॉकडाउन की अवधि को लगातार बढ़ता देखा और काम ना होने की वजह से कई मजदूर पैदल या साइकिल से ही मिलों का सफर तय कर रहे हैं।

Update: 2020-05-18 07:57 GMT

औरैया: देशभर में लॉकडाउन लागू होने के चलते भारी संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। लेकिन लॉकडाउन की अवधि को लगातार बढ़ता देखा और काम ना होने की वजह से कई मजदूर पैदल या साइकिल से ही मिलों का सफर तय कर रहे हैं। एक ऐसा ही मामला आया है उत्तर प्रदेश के जिले औरेया से। जहां सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने के बाद जब एक महिला व उसकी मासूम बच्ची को नींद लगी तो वह बिना सोए नहीं रह सकी और उसने अपनी पीड़ा पति को बताई। इस पर पति ने हिम्मत दिखाते हुए रात में नेशनल हाईवे के किनारे पन्नी बिछाकर दोनों को सुलाया और रात भर जागकर उनकी रखवाली करता रहा।

रात भर करता रहा पत्नी और बच्ची की देखभाल

पंजाब के जालन्धर शहर से कोसों मीलों की दूरी रात्रि में मोटर साइकिल द्वारा पत्नी व मासूम बेटी के साथ तय करके आया एक मजदूर रविवार की सुवह अजीतमल स्थिति नेशनल हाइवे पर लालपुर के पास सड़क के किनारे मिला। वहां पर सड़क किनारे उसकी पत्नी व मासूम बच्ची की सो रही थी और उसका पति देखभाल कर रहा था। जिला भिंड मध्य प्रदेश के भटपुरा तहसील के लहार निवासी खुशाल सिंह पुत्र माता प्रसाद पंजाब प्रांत के जालन्धर शहर में एक प्राइवेट फेक्ट्री में मजदूरी कर अपना पालन पोषण करता है।

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लॉकडाउन के चलते भुखमरी के कगार पर पहुंचा परिवार

लॉक डाउन के चलते मजदूरी न मिलने के कारण भुखमरी के कगार पर उसका परिवार पहुँच गया था। जिससे वह अपने परिवार को मोटर सायकिल द्वारा अपने पैतृक गांव की और निकल पड़ा। रात भर चलने के बाद जैसे ही वह अजीतमल स्थित नेशनल हाइवे पर पहुंचा वैसे ही उसकी बीबी नेहा और 2 वर्ष की पुत्री नव्या को नींद आने लगी। खुशाल सिंह ने रविवार की रात को परिवार की खुशी के खातिर हाइवे के किनारे पन्नी बिछाकर पत्नी और मासूम पुत्री को सुला दिया और खुद उनकी देखभाल करने लगा।

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अभी आगे भी सफर है जारी

कुशाल सिंह की पत्नी नेहा ने सुबह पत्रकारों को बताया कि वह लोग 2 दिन से लगातार बाइक से चल रहे हैं और उन्हें रास्ते में कहीं भी सोने की जगह नहीं मिली। इसलिए उन्होंने जैसे ही जनपद औरैया का टोल टैक्स देखा तो उससे पहले ही रुक कर उन्होंने आराम करना मुनासिब समझा। बताया कि जब वह लोग सो रहे थे तो उनके पति रात भर जाकर उनकी रखवाली करते रहे। बताया कि अभी उन्हें और सफर तय करना है। जिस कारण उन्होंने यहीं पर सोना उचित समझा। यदि आज वह नहीं होती तो शायद रास्ते में ही बाइक से गिर पड़ती।

रिपोर्ट- प्रवेश चतुर्वेदी

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