Barabanki News: फिर बढ़ने लगा सरयू का जलस्तर, तराई के गांवों में हड़कंप, नाव के सहारे कट रहा जीवन
बाराबंकी जिले में सरयू नदी एक बार फिर उफान पर है। सरयू नदी की बाढ़ ने बाराबंकी जिले की रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट तहसील के गांवों में एक बार फिर अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है।
Barabanki: बाराबंकी जिले में सरयू नदी एक बार फिर उफान पर है। सरयू नदी की बाढ़ ने बाराबंकी जिले की रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट तहसील के गांवों में एक बार फिर अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बाढ़ से रास्ते कट गए हैं और दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है।
ऐसे में कई गांवों के लोगों के लिये नाव ही आने जाने का सहारा बचा है। नाव से ही ये लोग नदी की दूसरी तरफ जाते हैं और अपने लिये राशन पानी का इंतजाम करते हैं। बाढ़ के साथ लगातार हो बारिश ने बाढ़ पीड़ितों की परेशानियां और बढा दी हैं। वहीं जिला प्रशासन भी बाढ़ से निपटने और पीड़ितों की हर संभव मदद का दावा कर रहा है। एल्गिन ब्रिज पर बने कंट्रोल रूम के अनुसार सरयू नदी का जलस्तर आज खतरे के निशान से 18 सेंटी मीटर ऊपर दर्ज किया गया है।
बाराबंकी जिले में बीते कई दिनों से लगातार रुक-रुककर हो रही बारिश और नदी के बढ़ते जल स्तर से यहां की रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेही घाट तहसील के तराई में बसे दर्जनों गांवों के लोगों की दुश्वारियां एक बार फिर बढ़ गई हैं। यहां के निवासियों के घरों में पानी घुसने से लोग जरूरत का समान लेकर सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहें है। पन्नी, तिरपाल की सहायता से बाढ़ पीड़ित बंधे पर अस्थाई टेंट बनाकर उसी में रह रहे हैं। लेकिन यहां भी बारिश ने इन बाढ़ पीड़तों की परेशानी और बढ़ा दी है। वहीं कई गांव के लोगों के लिये नाव ही आने जाने का सहारा बचा है। नाव से ही ये लोग नदी की दूसरी तरफ जाते हैं और अपने लिये राशन पानी का इंतजाम करते हैं। इन गांव में रहने वाले छात्र-छात्राएं भी इन्हीं नांवों के सहारे स्कूल जाते हैं।
रामनगर तहसील में बना हेतमापुर पुल बाढ़ के पानी मे कट गया है। जिससे सरसंडा, बबुरी, जमका, परशुरामपुर, बाबापुरवा, कोडरी, बेलहरी, पूरनपुर, फाजिलपुर, केदारीपुर, बलाईपुर, कचनापुर, सुंदरनगर, हेतमापुर, कोडरी, मदरहा समेत कई गांवों का सम्पर्क टूट गया है। जिसके चलते इन गांवों में रह रहे बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों के सामने परिवार का पेट भरने का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा इन गांव के लोगों तक पहुंचाई जा रही राहत सामग्री का ही इनके लिये एक सहारा बचा है।
इन गांवों के बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि पिछले कई सालों से वे लोग बाढ़ का दंश झेल रहे हैं। हर साल की बाढ़ से फसलों के साथ घर भी कटकर नदी में समा जाता है। इनका कहना है कि सरकार से गल्ला पानी तो मिल जाता है, लेकिन रहने को भी कोई स्थाई समाधान नहीं मिलता। अगर सरकार हम लोगों के रहने का कोई इंतजाम कर दे तो हम लोग अपना घर छोड़कर वहीं आकर रहें। वहीं इन गांव में रहने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि बाढ़ के चलते उनकी पढ़ाई काफा प्रभावित हो रही है। उनको नाव से ही आना-जाना पड़ रहा है। जिससे अक्सर उन्हें देर भी हो जाती है।
वहीं जिला प्रशासन के आलाधिकारी बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण कर पीड़ितों को हर संभव मदद पहुंचाने का दावा कर रहे हैं। बाराबंकी के एडीएम संदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की हर सम्भव मदद की जा रही है। बाढ़ पीड़ितों के सामने हर साल ये तकलीफ आती है। इनको स्थाई रूप से बसाने के लिए दूसरे गांवों में बात चल रही है। जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा।