Barabanki News: रेलवे की लापरवाही से परेशान ग्रामीणों ने दी आत्मदाह की धमकी, राष्ट्रपति की अयोध्या यात्रा हजारों लोगों के लिए आफत

Barabanki News: बाराबंकी में रेलवे पर अपनी नाकामियां छुपाने के लिए ग्रामीणों पर अत्याचार करने का मामला सामने आया है। मामला लखनऊ-अयोध्या रेलखंड के सफेदाबाद स्टेशन के पास बसे कई गांवों का है।

Report :  Sarfaraz Warsi
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-08-19 16:18 GMT

रेलवे की लापरवाही से परेशान ग्रामीणों ने सामूहिक आत्मदाह की दी धमकी, सांसद का किया घेराव

Barabanki News: बाराबंकी में रेलवे पर अपनी नाकामियां छुपाने के लिए ग्रामीणों पर अत्याचार करने का मामला सामने आया है। मामला लखनऊ-अयोध्या रेलखंड के सफेदाबाद स्टेशन के पास बसे कई गांवों का है। यहां क्रॉसिंग के पास से निकले रास्ते को रेलवे ने खोदवा दिया है। जिससे लोगों का आवागमन बंद हो गया है। वहीं इस मामले को लेकर आज गांव के लोगों ने बाराबंकी के सांसद उपेंद्र सिंह रावत का उनके आवास पर घेराव किया।

ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो, वह लोग सामूहिक आत्मदाह कर लेंगे। जिसके बाद सांसद खुद गांव पहुंचे और ग्रामीणों की समस्या जानी। साथ ही उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया।

दस हजार ग्रामीण अपने ही घरों में कैद होने को मजबूर 

मामला बाराबंकी जिले में नगर कोतवाली क्षेत्र के डल्लू खेड़ा, भोजपुर, जरूवा, भिटौली, काशीपुरवा और परेठिया गांव से जुड़ा है। जहां के हजारों ग्रामीण परेठिया गांव की रेलवे क्रॉसिंग पार कर हाईवे तक पहुंचते हैं।

कुछ दिन पहले क्रॉसिंग से गेटमैन हटाकर फाटक बंद कर दिया गया और इसको मानवरहित दिखा दिया गया। रेलवे के दर्जनों कर्मचारी जेसीबी लेकर क्रॉसिंग के पास पहुंचे और मुख्य मार्ग को खोदना शुरू कर दिया। यही नहीं उन्होंने हाईवे से गांव को जोड़ने वाले खड़ंजे और लिंक मार्ग को खोदकर दस फीट गहरा गड्ढा बना दिया।

जब ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू किया तो उन्होंने बताया कि ऊपर से आदेश है। 28 अगस्त को राष्ट्रपति (President Ram Nath Kovind) अयोध्या ट्रेन से रामलला के दर्शन को जा रहे हैं। इसलिए सभी मानवरहित क्रॉसिंग को खोदकर बंद किया जा रहा है। ताकि उनको कोई असुविधा न हो।

राष्ट्रपति की यह यात्रा हजारों ग्रामीणों के लिए आफत

ग्रामीणों का कहना है कि राष्ट्रपति की यह यात्रा हजारों ग्रामीणों के लिए आफत बन गयी है। जिसके बाद अब वाहन तो दूर वह पैदल भी गांव के बाहर नहीं निकल सकते। अब आधा दर्जन से अधिक गांव के करीब दस हजार ग्रामीण अपने ही घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं और राष्ट्रपति की इस यात्रा को अपने लिए मुसीबत बता रहे हैं। ग्रामीणों ने सांसद से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।

वहीं इस मामले में बाराबंकी के सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गांव से निकलने का दूसरा कोई रास्ता नहीं है। ऐसे में यह रास्ता बंद होने से ग्रामीणों को समस्या हो रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की समस्या को लेकर डीआरएम से बात की है। जल्द ही इनकी समस्या का समाधान हो जाएगा।

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