Lucknow residential market: घर से नहीं निकल सकेंगे, अगर इसे तत्काल नहीं रोका गया, हालात हो जाएंगे बहुत ही भयानक
Lucknow :वैसे तो लखनऊ काफी बर्बाद तो हो ही चुका है लेकिन कुछ उपाय करने से शायद यहां के बाशिंदों की बची खुची जिंदगी आसान हो जाये।
Lucknow : शहर ए लखनऊ दिनों दिन रहने के नाकाबिल होता जा रहा है। एक मोहल्ले से दूसरे में जाना मुहाल है, हर गली और सड़क बाजार बन गई है। रिहायशी और कमर्शियल (commercial) इलाकों में अब कोई अंतर नहीं रह गया है। हर घर में दुकान और हर दुकान में घर यही स्थिति है। बिल्डिंगों में पार्किंग स्पेस है नहीं, सो हर सड़क और गली पार्किंग है। इसके बावजूद अब एलडीए(LDA) ने मकानों में दुकान खोलने की और उदार इजाजत दे दी है। ये पागलपन नहीं तो और क्या है?
शहर का हाल ये है कि सड़कों पर ऑटो, ईरिक्शा, हाथ रिक्शा, टेम्पो, बस, टैक्सी, बाइक, ट्रक, साइकिल, मेट्रो, ठेले यानी हर तरह के वाहन हैं। कौन कहां किस तरफ जाए, कोई कंट्रोल नहीं है। एक डेवलपमेंट ऑथोरिटी (Lucknow Development Authority) है लेकिन वह डेवलप कर रही है या शहर को बर्बाद कर रही है ये सबके सामने है।
अस्पताल, बस स्टेशन(Bus Station) और रेलवे स्टेशन(Railway Station) इन जगहों में घुसना और निकलना ही आफत है क्योंकि इन जगहों के चारों ओर दुकानों, ट्रैफिक और ठेले गुमटी वालों का चक्रव्यूह है। शहर के हर चौराहे, तिराहे या कट पर अराजकता का राज है।
तो अब क्या करें
वैसे तो लखनऊ काफी बर्बाद तो हो ही चुका है लेकिन कुछ उपाय करने से शायद यहां के बाशिंदों की बची खुची जिंदगी आसान हो जाये।
1. रेसिडेंशियल इलाकों में दुकान, गुमटी पर टोटल बैन।
2-घर का नक्शा तभी पास होगा जब उसमें एक कार पार्क की जगह होगी।
3.दुकान या कमर्शियल बिल्डिंग बनाने की इजाजत तभी होगी जब उसके भीतर या 50 मीटर के दायरे में कम से कम 25 कारों और 50 बाइक का पार्किंग स्पेस होगा।
4.सभी रेल क्रासिंग बन्द करके अंडरपास बनाये जाएंगे।
5.कोई भी नया फ्लाई ओवर या ओवरब्रिज बनाने से पहले पूरी डिज़ाइन पब्लिक डोमेन में डाली जाएगी, लोगों की राय और वोटिंग ली जाएगी। लोगों तक जानकारी पहुंचाने और रायशुमारी की जिम्मेदारी नगर निगम, पार्षद और लोकल कमेटियों की होगी।
6.शहर में ट्रैफिक, दुकान, पार्किंग, निर्माण निगरानी आदि के लिए एक अलग एनफोर्समेंट बल बनाया जाए जिसमें लखनऊ के ही बाशिंदे एक एक साल के लिए तैनात किए जाएं।
8. कोई भी नई सड़क कम से कम दो लेन की बनेगी। ये निजी सोसाइटी वाली कालोनियों पर भी लागू होगा।
9. हर मोहल्ले की व्यवस्था लोकल लोगों के हाथों में शिफ्ट होगी जैसे कि रेसिडेंशियल बिल्डिंगों की सोसाइटी में होता है। हर मोहल्ले में किसी भी अनियंत्रित निर्माण को रिपोर्ट करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं की होगी जिसमें लोकल पार्षद भी शामिल ह्योग।
10. कार या कोई चार पहिया वाहन खरीदने की तभी इजाजत मिलेगी जब उसकी निजी पार्किंग स्पेस का सबूत दिखाया जाएगा।
11. लखनऊ डेवलपमेंट ऑथोरिटी (Lucknow Development Authority) का विलय नगर निगम में कर दिया जाए और उसका काम लखनऊ की व्यवस्था, नागरिक सुविधाओं और एनफोर्समेंट का हो न कि दुकानें बनवाने का।