Lucknow News: AAP प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने केंद्र पर खड़े किए सवाल, बोले- किसानों के ऊपर थोपा गया काला कानून वापस ले सरकार
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने सोमवार को बयान जारी करके मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला।;
Lucknow News: आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने सोमवार को बयान जारी करके मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने केंद्र सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि के नाम पर 4720 करोड़ रुपए बांटने की तैयारी पर तंज करते हुए कहा कि पहले सरकार किसानों के डेथ वारंट के रूप में उन पर थोपा गया काला कानून वापस ले।
किसानों का हितैषी बनने का नाटक
सभाजीत सिंह ने कहा कि भाजपा की केंद्र एवं प्रदेश सरकार किसानों का हितैषी बनने का नाटक कर रही है। एक तरफ कई महीनों से देश का किसान दिल्ली सीमा पर काले कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठा है, तो दूसरी तरफ सरकार उनको अनदेखा करके किसानों की शुभचिंतक बनने के लिए दिखावा कर रही है। 4720 करोड रुपए की किसान सम्मान निधि बांटने की तैयारी अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे किसानों के आंदोलन का उपहास है। किसानों की आय दोगुनी करने का झांसा देकर सत्ता में आए मोदी अब उन पर काले कृषि कानून थोप कर उन्हें पूंजी पतियों का गुलाम बनाना चाहते हैं। सबसे दुखद बात यह है कि महीनों से जारी इस आंदोलन में अब तक सैकड़ों किसान अपना सर्वोच्च बलिदान कर चुके हैं। आंदोलन के दौरान जान गवाने वाले किसानों का सम्मान किया जाना चाहिए। किसानों की शहादत का अपमान करने वाले भला उनका सम्मान क्या करेंगे।'
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें आज तक लागू क्यों नहीं?
आप प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने प्रदेश में बकाया गन्ना मूल्य को लेकर भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 'अकेले प्रदेश में ही किसानों का हजारों करोड़ों रुपये का गन्ना मूल्य बकाया है। किसान भुगतान मांगने के लिए सड़क पर आ रहे हैं, तो उन पर लाठियां बरसाई जा रही हैं। भाजपा नेतृत्व को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यही किसानों का सम्मान करने का उनका तरीका है। किसानों के कल्याण की झूठी बातें करने वाली इस सरकार को बताना चाहिए कि आखिर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें आज तक लागू क्यों नहीं की गईं।'
किसान भाजपा की असलियत से वाकिफ
सभाजीत सिंह ने कहा कि 'देश का किसान भाजपा की असलियत से वाकिफ हो चुका है। प्रदेश के किसान भाजपा की करणी का हिसाब किताब विधानसभा चुनाव में करने को तैयार हैं। भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के कारण विधानसभा चुनाव में बूथ पर एक-एक वोट के लिए भाजपा को तरसना होगा। प्रदेश के अन्नदाता अपनी वोट से सरकार द्वारा हो रहे अपमान का बदला लेंगे।'