Lucknow News: SGPGI में शुरू होगी एयर एम्बुलेंस सेवा, 4 महीनों में बनकर तैयार होगा हेलीपेड

Lucknow News: लखनऊ के रायबरेली रोड़ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में जल्द ही एयर एम्बुलेंस की सेवा शुरू हो जाएगी, जिससे गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करना आसान हो जाएगा। इससे खासतौर से फेफड़ा प्रत्यारोपण, ब्रेन डेड और अंगों के प्रत्यारोपण कराने वालों को मदद मिलेगी।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-12-07 13:29 GMT

Lucknow: राजधानी के रायबरेली रोड़ (Raebareli Road) स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में जल्द ही एयर एम्बुलेंस (air ambulance) की सेवा शुरू हो जाएगी, जिससे गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करना आसान हो जाएगा। इससे खासतौर से फेफड़ा प्रत्यारोपण, ब्रेन डेड और अंगों के प्रत्यारोपण कराने वालों को मदद मिलेगी। इस सुविधा का फायदा सरकारी व निजी अस्पताल दोनों उठा सकते हैं। बता दें कि, शासन द्वारा एयर एंबुलेंस प्रोजेक्ट (air ambulance project) को मंजूरी भी दे दी गई है।

नये साल में शुरू होगा हैलीपैड बनाने का काम

एसजीपीजीआई (SGPGI) में एयर एंबुलेंस प्रोजेक्ट (air ambulance project) के लिये संस्थान ने कुछ महीनों पहले शासन को प्रस्ताव भेजा था। जिस पर मंजूरी मिलने के बाद अब धरातल पर इसका काम शुरू किया जा सकता है। संस्थान प्रशासन ने इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) भी तैयार कर ली है। नये साल में हेलीपैड बनाने का काम शुरू हो जाएगा। जिसे चार महीनों में पूरा करने की संभावना है।

नये इमरजेंसी सेंटर के पास बनेगा हैलीपेड

एसजीपीजीआई (SGPGI) ने जो विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) शासन को भेजा है, उसके मुताबिक संस्थान में संस्थान में निर्माणाधीन करीब 558 बेड वाले इमरजेंसी मेडिसिन और आधुनिक गुर्दा प्रत्यारोपण केन्द्र के पास हेलीपैड तैयार किया जाएगा। एयर एम्बुलेंस (air ambulance) का संचालन शुरू होने से प्रदेश व आस-पास के राज्यों के लोगों को काफी आराम मिलेगा।

जूनियर रेजिडेंट को एयर एम्बुलेंस के लिये करनी पड़ी थी मशक्कत

ताजा मामलों की बात करें तो लोहिया संस्थान (Lohia Institute) की जूनियर रेजिडेंट डॉ. शारदा सुमन (Junior Resident Dr. Sharda Suman) को एयरलिफ्ट कराने के लिए काफी दिक्कत हुई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) द्वारा डेढ़ करोड़ रुपयों की मदद मिलने के बाद उन्हें हैदराबाद (Hyderabad) के कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Krishna Institute of Medical Sciences) में एयरलिफ्ट किया गया था। जहां उनका फेफड़ा प्रत्यारोपण होना था, मगर डोनर न मिलने से उनकी मृत्यु हो गई थी।

संस्थान अपने ख़र्च पर बनाएगा हैलीपैड

इस संबंध में जब एसजीपीजीआई (SGPGI) के निदेशक डॉ. आरके धीमान (Director Dr. RK Dhiman) से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि "संस्थान अपने खर्च पर हैलीपैड बनाएगा। इसके लिए शासन से अनुमति मिल गई है। सुविधा तीन-चार माह में शुरु हो जाएगी।"

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