Lucknow News: पीड़ित बेहाल और आरोपी का भौकाल, यूपी पुलिस का है ये हाल

Lucknow News: राजधानी लखनऊ की पुलिस कितनी तेज है इसकी मिसाल के लिए ये एक मामला काफी है। ऐसे में जबकि पीड़ित बेहाल हो और आरोपी का भौकाल बन रहा हो तो क्या कहा जाएगा।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-10-09 16:55 GMT

लखनऊ पुलिस (फोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊः योगी आदित्यनाथ सरकार में यूपी और खासकर राजधानी लखनऊ की पुलिस कितनी तेज है इसकी मिसाल के लिए ये एक मामला काफी है। ऐसे में जबकि पीड़ित बेहाल हो और आरोपी का भौकाल बन रहा हो तो क्या कहा जाएगा।

गाजीपुर थाने में चार साल से गैर इरादतन हत्या का प्रयास (धारा-308), गंभीर चोट पहुंचाना (धारा-338), महिला की इज्जत लूटने का प्रयास (धारा-354A) और लूटपाट के इरादे से क्षति पहुँचाने (धारा-308) संबंधी मामले में पीडिता प्रिंसी सिंह द्वारा 11 जुलाई, 2017 को गाजीपुर थाने में एफआईआर संख्या 550 / 2017 में दर्ज कराई थी। वक्त गुजरता गया। एफआईआर फाइलों के जंगल में दफन हो गई। कहीं पर कुछ नहीं हुआ।

पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं 

धीरे धीरे चार साल का समय निकल गया लेकिन यूपी की मित्र पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। बताते चलें कि इस दौरान पीड़िता चुप नहीं बैठी थी। पीडिता लगातार मुख्यमंत्री सहित महकमे के बड़े अधिकारियों से लगातार कार्यवाही की मांग पत्र लिखकर कर रही थी। लेकिन समस्या का समाधान करने में आगे रहने वाली पुलिस और प्रशासन में कहीं भी उसकी फरियाद नहीं सुनी गई।

जब पीड़िता की कहीं सुनवाई नहीं हुई तब उसने अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय और धीरेन्द्र कुमार अग्निहोत्री के माध्यम से हाई-कोर्ट लखनऊ में रिट याचिका संख्या- 23759/2021, प्रिंसी सिंह बनाम उत्तर-प्रदेश सरकार आदि दायर किया, जिसकी सुनवाई के समय उत्तर-प्रदेश सरकार द्वारा कोर्ट को बताया गया कि मामले में चार्जशीट बनाकर सीओ को भेज दी गयी है।

सरकार के इस जवाब के बाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में न्यायमूर्ति रमेश सिंहा और सरोज यादव की खण्डपीठ ने पुलिस कमिश्नर को निर्देशित किया कि चार सप्ताह के अंदर संबंधित न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित करना सुनिश्चित करें। इस दौरान अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने कहा त्वरित कार्यवाही न होने से ही लोगों में व्यवस्था के प्रति निराशा और अविश्वास का भाव उत्पन्न होता है।

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