योगी सरकार का बड़ा फैसला: मानदेय पर होगी शिक्षकों की भर्ती
उत्तर प्रदेश में संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए योगी सरकार ने बड़ी शिक्षक भर्ती का एलान किया गया है...
उत्तर प्रदेश में संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए योगी सरकार ने बड़ी शिक्षक भर्ती का एलान किया गया है। जिसके तहत राज्य के संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए संस्कृत शिक्षकों की भर्तियां की जाएंगी। इन शिक्षकों की नियुक्तियां मानदेय पर किया जाएगा। एडेड संस्कृत माध्यमिक कालेजों के रिक्त पदों पर मानदेय शिक्षक तैनात होंगे। 20 अगस्त से चयन प्रक्रिया शुरू हो रही है, शिक्षकों का शैक्षिक सत्र 2021-22 और 2022-23 के लिए चयन किया जाएगा।
शैक्षिक योग्यता और इंटरव्यू से होगा टीचर्स का चयन
शिक्षकों का चयन शैक्षिक योग्यता और इंटरव्यू से होगा। परिणाम 13 अक्टूबर को आएगा और शिक्षक 20 अक्टूबर से शिक्षण कार्य करेंगे। अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) संस्कृत माध्यमिक कालेजों में मानदेय शिक्षक रखने के लिए 24 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी हुआ था। इसके तहत दो शैक्षिक सत्रों में नियमित शिक्षक के आने तक मानदेय शिक्षक कार्यरत रहेंगे।
पहले से मौजूद शिक्षको को नहीं निकला जाएगा
कॉलेजों में यदि सेवानिवृत्त शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं, तो उन्हें हटाया नहीं जाएगा। उन पदों को घटाकर अन्य का विज्ञापन जारी होगा। चयन प्रक्रिया में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक नोडल अधिकारी होंगे। वे शिक्षा निदेशक माध्यमिक को आख्या भेजेंगे और शिक्षा निदेशक शासन को अवगत कराएंगे। मंडलायुक्त और डीएम अपने स्तर से पारदर्शी तरीके से चयन करेंगे। शिक्षकों के गुणांक की पुष्टि डीएम करेंगे। सभी जिलों की चयन समिति में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से विशेषज्ञ नामित करने का उत्तरदायित्व शिक्षा निदेशक माध्यमिक को होगा।
पठन-पाठन की व्यवस्था सुचारू करने के लिए लिया गया फैसला
शिक्षकों के रिक्त पदों की सूचना प्रबंधतंत्र डीआइओएस को सौंपेंगे। इसके बाद डीआइओएस विज्ञापन निकालने की प्रक्रिया और दिशा-निर्देश जारी करेगा। आवेदन लेने के लिए डीआइओएस ईमेल आइडी बनाएंगे। इसके साथ डीएम की अध्यक्षता में चयन समिति का गठन 20 अगस्त को होगा। अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों और राजकीय संस्कृत विद्यालयों में यह भर्ती की जाएगी। सरकार ने निर्णय लिया है कि भर्ती के लिए उम्मीदवारों का साक्षात्कार परम्परागत संस्कृत भाषा में ही होगा। संस्कृत के पठन-पाठन की व्यवस्था सुचारू करने के लिए और संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने यह फैसला लिया है।